अनुब्रत मंडल की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ाई गई

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। आसनसोल की एक विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले में कथित संलिप्तता के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है। मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी को निर्धारित की गई है। अब सभी की निगाहें 8 फरवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय में मंडल की जमानत याचिका पर सुनवाई पर टिकी है।
हाल ही में राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद मंडल के वकील ने दिल्ली उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर की। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमानत याचिका का विरोध किया। दिल्ली उच्च न्यायालय की पीठ ने एक नोटिस जारी कर विरोध करने वाले मंडल की जमानत याचिका के समर्थन में ईडी से दलीलें मांगी। अब इस मामले की सुनवाई 8 फरवरी को होगी।
इस बीच, स्पष्ट संकेत हैं कि तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व चुपचाप मंडल से दूरी बना रहा है। हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीरभूम जिले के दौरे के दौरान किसी भी कार्यक्रम में मंडल की एक भी तस्वीर नहीं थी। एक बार को छोड़कर उन कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री ने मंडल का नाम तक नहीं लिया। उन्होंने कहा कि अब से वह खुद बीरभूम में अपनी पार्टी की संगठन गतिविधियों की निगरानी करेंगी। शुक्रवार को जब मंडल को सीबीआई की विशेष अदालत से बाहर लाया जा रहा था, तो प्रतीक्षा कर रहे मीडियाकर्मियों ने उनसे पार्टी नेतृत्व के खुद को दूर करने के संकेतों के बारे में पूछा। हालांकि इस सवाल पर मंडल ने चुप्पी साधी रखी।
(आईएएनएस)
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Created On :   3 Feb 2023 3:30 PM IST