आबकारी नीति पर अन्ना हजारे का केजरीवाल को पत्र, कहा- आप भी सत्ता के नशे में चूर हो

Anna Hazares letter to Kejriwal on excise policy, said- you too are intoxicated with power
आबकारी नीति पर अन्ना हजारे का केजरीवाल को पत्र, कहा- आप भी सत्ता के नशे में चूर हो
नई दिल्ली आबकारी नीति पर अन्ना हजारे का केजरीवाल को पत्र, कहा- आप भी सत्ता के नशे में चूर हो

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। समाज सुधारकर और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने दिल्ली की आबकारी नीति की आलोचना करते हुए और सत्ता के नशे में चूर होने का आरोप लगाते हुए अपनी पुस्तक स्वराज की कुछ पंक्तियों को याद दिलाया।

केजरीवाल ने राजनीति में आने से पहले 2012 में स्वराज पुस्तक लिखी थी। उन्होंने कहा, राजनीति में कदम रखने से पहले आपने स्वराज किताब लिखी थी। उसकी प्रस्तावना मुझसे लिखवाई। आपने किताब में ग्रामसभा और शराब नीति का बखान किया था। आपने जो कुछ भी लिखा था वह आपको याद दिलाना चाहता हूं। हजारे ने पत्र में आगे कहा, आपने किताब में काफी आदर्श बातें लिखी थी, और मुझे आपसे काफी उम्मीदें थीं।

लेकिन, ऐसा लगता है कि आप राजनीति में आने और मुख्यमंत्री बनने के बाद उन शब्दों को भूल गए हैं। आपने जो नई आबकारी नीति बनाई है, वह शराब की लत की आदत को बढ़ावा देती है। इस नीति से राज्य के कोने-कोने में शराब की दुकानें खुल रही हैं। नतीजतन, यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे सकता है जो जनता के पक्ष में नहीं है, लेकिन आपने ऐसी नीति लाने का फैसला किया है। अन्ना हजारे ने पत्र में कहा, जिस प्रकार शराब का नशा होता है, उसी प्रकार सत्ता का भी नशा होता है। आप भी ऐसी सत्ता के नशे में डूब गए हो, ऐसा लग रहा है।

केजरीवाल को 18 सितंबर, 2012 को हुई टीम अन्ना की बैठक की याद दिलाते हुए हजारे ने कहा, आप भूल गए कि राजनीतिक दल बनाना हमारे आंदोलन का इरादा नहीं था। उन्होंने कहा, दिल्ली आबकारी नीति को देखकर लगता है कि ऐतिहासिक आंदोलन को खत्म कर जो पार्टी बनी थी, वह उसी रास्ते पर चली गई है, जिस पर अन्य दल चल रहे हैं, जो बेहद खेदजनक बात है।

मैं यह पत्र इसलिए लिख रहा हूं कि हमने पहले रालेगणसिद्धी गांव में शराब को बंद किया। फिर कई बार महाराष्ट्र में एक अच्छी शराब की नीति बने इसलिए आंदोलन किए। आंदोलन के कारण शराब बंदी का कानून बन गया, जिसमें किसी गांव और शहर में अगर 51 प्रतिशत महिलाएं खराब बंदी के पक्ष में वोटिंग करती हैं तो वहीं शराबबंदी हो जाती है। उन्होंने पत्र में आगे लिखा, दिल्ली सरकार द्वारा भी इस प्रकार की नीति की उम्मीद थी। लेकिन आप ने ऐसा नहीं किया। लोग भी बाकी पाटिंर्यों की तरह पैसा से सत्ता और सत्ता से पैसा के दुष्टचक्र में फंसे हुए दिखाई दे रहे हैं। एक बड़े आंदोलन से पैदा हुई राजनीतिक पार्टी को यह बात शोभा नहीं देती।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   30 Aug 2022 3:30 PM IST

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