आंध्र के सीएम का पीएम से आग्रह, राज्य विभाजन के बाद के मुद्दों को हल करें

Andhra CM urges PM to resolve post-bifurcation issues
आंध्र के सीएम का पीएम से आग्रह, राज्य विभाजन के बाद के मुद्दों को हल करें
आंध्र प्रदेश आंध्र के सीएम का पीएम से आग्रह, राज्य विभाजन के बाद के मुद्दों को हल करें

डिजिटल डेस्क, अमरावती। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने बुधवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे कई लंबित मुद्दों को हल करने का आग्रह किया, जो राज्य के विभाजन के बाद पिछले आठ वर्षो से लंबित थे। सीएम ने उन्हें अवगत कराया कि विभाजन के आठ साल बाद भी कई मुद्दे अनसुलझे हैं, जिसके कारण आंध्र प्रदेश के अवशिष्ट (शेष) राज्य में बहुत बाधा आ रही है।

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के अनुसार, जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि केंद्रीय वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली विशेष समिति ने कई बैठकें कीं और विभाजन के अनसुलझे मुद्दों पर चर्चा की और केंद्र द्वारा संसद में दिए गए आश्वासनों के बावजूद, प्रमुख मुद्दों को हल करने के लिए कोई प्रगति नहीं हुई।

उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि वित्तवर्ष 2014-15 के लिए 18,330.45 करोड़ रुपये की संसाधन निधि और आंध्र प्रदेश को देय पेंशन बकाया सहित 32,625.25 करोड़ रुपये की एक बड़ी राशि लंबित है और इसे तुरंत शीघ्र पूरा करने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त मंत्रालय पिछले टीडीपी शासन द्वारा किए गए ऋणों को समायोजित करते हुए राज्य सरकार पर अपनी अनुमत उधारियों पर ढेर सारे प्रतिबंध लगा रहा है, जिन्होंने सीमा से अधिक उधार लिया था।

उन्होंने कहा कि टीडीपी शासन की गलतियों के लिए वाईएसआरसीपी सरकार अब कई प्रतिबंधों का सामना कर रही है, उन्होंने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने और प्रतिबंधों को दूर करने की जरूरत पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अगर पाबंदियां लगातार जारी रहीं, खासकर ऐसे समय में जब देश कोविड महामारी के नए रूप से लड़ने के लिए तैयार है, तो राज्य को आर्थिक रूप से बहुत नुकसान होगा।

उन्होंने आगे कहा कि तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा कुल परियोजना लागत 55,548 करोड़ रुपये तय करने के बावजूद पोलावरम परियोजना के अनुमानित खर्च पर केंद्र द्वारा कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। राज्य सरकार द्वारा अब तक अपने स्वयं के राजस्व से परियोजना पर खर्च किए गए 2,937.92 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति न करने के अलावा, केंद्र ने पेयजल आपूर्ति प्रणाली को परियोजना से अलग करने के लिए भी गलत तरीके को चुना है। उन्होंने यह कहते हुए शिकायत की कि ऐसा निर्णय किसी अन्य सिंचाई परियोजना पर लागू नहीं किया गया है जिसे राष्ट्रीय दर्जा मिला है।

उन्होंने पीएम से अपील की कि बांध की ऊंचाई 41.15 मीटर तक बढ़ाने के प्रयासों के मद्देनजर भूमि अधिग्रहण शुरू करने और विस्थापित परिवारों के राहत और पुनर्वास के कार्यो को शुरू करने के लिए तुरंत 10,485.38 करोड़ रुपये जारी किए जाएं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाएं कि तेलंगाना सरकार टीएस डिस्कॉम से बकाया 6,886 करोड़ रुपये का भुगतान तुरंत एपी जेनको को कर दे, जो गंभीर संकट में है।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की खामियों और तर्कहीन बिंदुओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि दोषपूर्ण अधिनियम के कारण आंध्र प्रदेश को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग भी इस विचार से सहमत है और इसमें सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अधिनियम में खामियों के कारण, राज्य में लगभग 56 लाख पात्र परिवार पीएमजीकेएवाई के तहत लाभ से वंचित हैं, राज्य सरकार ने अब तक 5,527 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने हर महीने केंद्र में फंसे 3 लाख टन राशन चावल में से 77,000 टन राशन चावल राज्य को आवंटित करने की मांग की।

उन्होंने आगे प्रधानमंत्री से राज्य को 14 और मेडिकल कॉलेज देने की मांग की, चूंकि लोगों की चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने के लिए केवल 12 मेडिकल कॉलेज हैं, पुनर्गठन के बाद अब 26 जिले हैं, जिनमें प्रत्येक जिले की आबादी 18 लाख है। उन्होंने प्रधानमंत्री से कडपा में बन रहे इस्पात संयंत्र की लौह अयस्क की जरूरत पूरी करने के लिए खदानें आवंटित करने और विशाखापत्तनम में प्रस्तावित 76.9 किलोमीटर लंबी मेट्रो रेल परियोजना के लिए सभी सहयोग देने की भी अपील की, जिसके लिए डीपीआर पहले ही जमा किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया कि आंध्र प्रदेश सरकार उभरते बीएफ-7 कोविड खतरे का सामना करने के लिए तैयार है।

 

 (आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   28 Dec 2022 10:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story