गुना कांड पर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के गुना जिले में शिकारियों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ में तीन जवानों की शहादत के बाद सियासी तकरार का दौर जारी है, मगर भाजपा के कई नेताओं की चुप्पी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। गुना के आरोन इलाके में शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात में काले हिरण और मोर का शिकार करने वालों की पुलिस से मुठभेड़ हुई, इसमें पुलिस के तीन जवान शहीद हुए। इसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला और अब तक तीन आरोपियों को ढेर किया जा चुका है।
पुलिस से मुठभेड़ करने वाले शिकारियों के राघोगढ़ इलाके से नाता रखने के कारण सियासत गरमाई हुई है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने आरोपियों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर हमला बोला। शर्मा ने आरोप लगाया कि इस घटनाक्रम में राघोगढ़ किले से लगे हुए बुधौलिया गांव से बड़ी संख्या में हथियार मिले हैं। उन्होंने सवाल किया कि गांव के अंदर इतनी संख्या में हथियार कहां से आए? किसके संरक्षण में आए? उन्होंने कहा कि सिंह इस बात का जवाब दें कि उनका इन अपराधियों के साथ क्या संबंध है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के इस हमले के बाद दिग्विजय सिंह और उनके बेटे जयवर्धन सिंह का रुख आक्रामक है। दोनों ने शर्मा को निशाने पर लिया। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि झूठे आरोप लगाकर मैदान छोड़कर भाग जाना भाजपा का चरित्र है। साहस है तो आरोपियों की कॉल डिटेल्स निकालें। पता लग जाएगा कौन किसके साथ है।
वही जयवर्धन सिंह ने कहा कि वी डी शर्मा जी, गुना हत्याकांड में महाराज के आदमियों के नाम आते ही पूरी भाजपा को सांप क्यों सूंघ गया। बताइए चुनिंदा लोगों की विशेष दावत में ग्रामीण विकास मंत्री के साथ शिकारी क्या कर रहे हैं। साहस है तो मंत्री का इस्तीफा लीजिए और शहीदों के साथ न्याय कीजिए।
इतना ही नहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने भी एक संवाददाता सम्मेलन कर खुले तौर पर आरोप लगाए। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और मीडिया प्रभारी के के मिश्रा ने संयुक्त रूप से आरोप लगाया की इस पूरे मामले के दो आरोपी हैं और उनका राज्य सरकार के मंत्री महेंद्र सिसोदिया और भाजपा के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह बंटी से करीबी नाता है, मगर प्रदेश अध्यक्ष शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम बीच में लाकर सरकार को बचाना चाह रहे हैं।
एक तरफ जहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने खुलकर दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाए तो वहीं उनके साथ भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ हितेश बाजपेई खड़े नजर आए। उन्होंने लगातार जयवर्धन सिंह और दिग्विजय सिंह पर हमले बोले। इसके अलावा भाजपा का कोई भी बड़ा नेता इस मामले में खुलकर बोलने से हिचक रहा है। पार्टी के अंदर खाने से आ रही चचार्एं बताती हैं कि भाजपा के कई नेताओं के दिग्विजय सिंह के अलावा कांग्रेस के कई नेताओं से करीबी रिश्ते हैं। यही कारण है कि वे खुलकर दिग्विजय सिंह और उनके परिवार पर हमले करने से कतरा रहे हैं।
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Created On :   17 May 2022 3:31 PM IST