सिख मामलों में हस्तक्षेप को लेकर एसजीपीसी के विरोध प्रदर्शन में शामिल होगा अकाली दल

Akali Dal to join SGPC protest over interference in Sikh affairs
सिख मामलों में हस्तक्षेप को लेकर एसजीपीसी के विरोध प्रदर्शन में शामिल होगा अकाली दल
पंजाब सिख मामलों में हस्तक्षेप को लेकर एसजीपीसी के विरोध प्रदर्शन में शामिल होगा अकाली दल
हाईलाइट
  • समुदाय में कोई अशांति न हो

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल ने शुक्रवार को तख्त श्री केशगढ़ साहिब और तख्त श्री दमदमा साहिब से श्री अकाल तख्त साहिब तक 7 अक्टूबर को खालसा मार्च निकालने के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आह्वान का समर्थन किया। उन्होंने केंद्र से मांग है कि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा सिख गुरुद्वारा समिति अधिनियम, 2014 के सत्यापन को समाप्त करने के लिए एक समीक्षा याचिका दायर करें या एक नया कानून पारित करें।

शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल की अध्यक्षता में हुई पार्टी के विधायकों, पूर्व विधायकों और निर्वाचन क्षेत्रों के प्रभारी की बैठक में निर्णय लिया गया। पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि खालसा मार्च सिख मामलों में हस्तक्षेप के साथ-साथ शिरोमणि समिति को तोड़ने की गहरी साजिश के विरोध में आयोजित किया जा रहा है। शिअद ने समुदाय के साथ हुए भेदभाव को उजागर करने और उसके साथ न्याय सुनिश्चित करने के लिए एसजीपीसी की पहल का समर्थन करने का निर्णय लिया है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा पारित 2014 अधिनियम को अवैध और असंवैधानिक करार देने पर शिअद नेता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान हरियाणा और पंजाब सरकारों के साथ-साथ केंद्र सरकार ने अदालत में इस कदम का समर्थन किया था। इससे सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है, जो महसूस करता है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा समिति की मान्यता और सिखों के साथ भेदभाव किया गया है। उन्होंने कहा कि इस कदम को वापस लिया जाना चाहिए ताकि समुदाय में कोई अशांति न हो।

चीमा ने कहा कि बैठक में सिख बंदी बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर फैसला करने में केंद्र सरकार की ओर से अत्यधिक देरी पर भी ध्यान दिया गया। उन्होंने कहा कि केंद्र से राजोआना को तुरंत रिहा करने का आह्वान किया गया था, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि केंद्र सरकार ने गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर एक प्रतिबद्धता दी थी कि राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया जाएगा। तथ्य यह है कि बंदी ने पहले ही एक जीवन अवधि पूरी कर ली।

 

आईएएनएस

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Created On :   30 Sept 2022 9:00 PM IST

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