ईडब्ल्यूएस कोटा जनविरोधी : अन्नाद्रमुक नेता जयकुमार
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। अन्नाद्रमुक नेता और पूर्व मंत्री डी. जयकुमार ने कहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण लोगों के खिलाफ है और द्रमुक इस मामले में दोहरा खेल खेल रही है।
उन्होंने कहा कि 2006 की यूपीए सरकार ने आर्थिक आधार पर कोटा प्रदान करने के लिए सिन्हो आयोग का गठन किया था।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार कि सिन्हो आयोग ने अध्ययन के आधार पर कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी।
जयकुमार ने कहा, 2006 की यूपीए सरकार में डीएमके सदस्यों ने कैबिनेट में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के लिए 10 प्रतिशत कोटा को मंजूरी दी थी। 2019 की भाजपा सरकार ने संसद में विधेयक पेश किया और कानून बनाया।
उन्होंने द्रमुक सरकार के खिलाफ भी जमकर निशाना साधा और कहा कि जब अदालत में सुनवाई चल रही थी तो बहस के दौरान रखी जाने वाली दलीलों पर चर्चा करने के लिए विधायक दलों की बैठक नहीं बुलाई।
उन्होंने कहा कि जब पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए मौजूदा 69 प्रतिशत आरक्षण के लिए मंडल आयोग की सिफारिशों के मद्देनजर एक समस्या सामने आई थी, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से मिलने के लिए और संविधान की नौवीं अनुसूची के तहत इसे शामिल करके संवैधानिक संरक्षण सुनिश्चित किया गया था।
जयकुमार ने कहा कि द्रमुक छल की पार्टी थी और उन्होंने कहा कि उसने खुले तौर पर यह कहकर तमिलनाडु के लोगों को बेवकूफ बनाया कि वह सत्ता में आने पर नीट को खत्म कर देगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ द्वारा ईडब्ल्यूएस के पक्ष में फैसला दिए जाने के बाद पार्टी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
(आईएएनएस)
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Created On :   11 Nov 2022 10:00 PM IST