फेरबदल के बाद कांग्रेस नेताओं ने पार्टी पदों के लिए बड़े नेताओं के चक्कर लगाना किया शुरू
- मंत्रिमंडल से निर्दलीय विधायकों में नाराजगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान में कैबिनेट फेरबदल के बाद अब कांग्रेस नेता संगठनात्मक पदों के लिए पैरवी कर रहे हैं और अपने समर्थकों के लिए बोर्ड और निगमों में रिक्तियों पर नजरें गड़ाए हुए हैं। प्रदेश के कांग्रेस नेता प्रदेश प्रभारी अजय माकन व महासचिव संगठन के.सी. वेणुगोपाल से मिलने के लिए प्रदेश के कांग्रेस नेता चक्कर लगा रहे हैं।
मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद प्रदेश इकाई में भी फेरबदल होने की संभावना है और इससे पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा मंगलवार को दिल्ली में पार्टी प्रभारी से मुलाकात करेंगे। बैठक का उद्देश्य पार्टी के भीतर सभी गुटों को समायोजित करना है। रविवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी परिषद में 15 नए मंत्रियों को शामिल किया जिसमें 11 कैबिनेट और चार राज्य मंत्री है।
कैबिनेट फेरबदल के बाद तीन निर्दलीय समेत छह विधायकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सलाहकार नियुक्त किया गया। विधायक डॉ जितेंद्र सिंह, डॉ राजकुमार शर्मा, दानिश अबरार और तीन निर्दलीय - संयम लोधा, बाबूलाल नगर और रामकेश मीणा हैं।लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नवनियुक्त सलाहकार निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने सोमवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पायलट की वजह से राजस्थान में कांग्रेस को नुकसान होगा। यह इंगित करता है कि पार्टी के भीतर अभी भी सब कुछ ठीक नहीं है और कांग्रेस को राज्य में और बेहतर ट्यूनिंग की जरूरत है।
पायलट खेमे ने निर्दलीय विधायकों को कैबिनेट में शामिल किए जाने पर आपत्ति जताई थी। पिछले साल राजस्थान में राजनीतिक संकट के दौरान 13 निर्दलीय विधायकों ने गहलोत के साथ खड़े होकर सरकार को बचाया था। हालांकि इनमें से किसी को भी कैबिनेट में जगह नहीं मिली है।गहलोत ने हाल ही में कहा था कि इन विधायकों के सहयोग को कभी भुलाया नहीं जा सकता। हालांकि अब उनमें निराशा नजर आ रही है क्योंकि उन्हें राज्य मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया है।
(आईएएनएस)
Created On :   23 Nov 2021 12:00 PM IST