सदस्यता गंवाने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी का पहला वायनाड दौरा, सभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार को इन मामलों पर घेरने का है प्लान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी लोकसभा सदस्यता गंवाने के बाद पहली बार वायनाड जाने वाले हैं। जहां पर वो एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। कांग्रेस नेता राहुल ने जब से अपनी सदस्यता गंवाई है तब से वो सुर्खियों में बने हुए हैं। ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि राहुल अपनी जनसभा के दौरान सत्ताधारी पार्टी पर अडानी और बेरोजगारी मामले को लेकर निशाना साध सकते हैं।
दरअसल, राहुल गांधी ने जब से संसद की सदस्यता खोई है तब से कांग्रेस पार्टी और तमाम राजनीतिक दल केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमलवार हैं और सदस्यता जाने का सारा ठीकरा बीजेपी पर भोड़ रहे हैं एवं इसे राजनीतिक से प्रेरित घटना भी बताया है।
11 अप्रैल को वायनाड जाएंगे राहुल
मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की गई सदस्यता के बाद यह पहला मौका होगा जब राहुल अपने संसदीय क्षेत्र केरल के वायनाड का दौरा करेंगे। जहां वो प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात और रोड शो करेंगे। रोड शो के बाद राहुल एक जनसभा को भी संबोधित करने वाले हैं। राहुल गांधी की यह एक दिवसीय यात्रा 11 अप्रैल यानी मंगलवार को होनी है। जिसकी तैयारियों में प्रदेश के कार्यकर्ता अभी से जुट गए हैं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 10, 2023
अडानी पर बोलेंगे हमला
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो, राहुल गांधी अपनी यात्रा और संबोधन के दौरान अपनी रद्द हुई सदस्यता का जिक्र कर सकते हैं ताकि लोगों की सहानुभूती ली जा सके और साल 2024 के आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को इससे ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके। इसके अलावा राहुल अपने संबोधन में अडानी और बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेर सकते हैं। हालांकि, विश्लेषक यह भी मान रहे हैं कि भले राहुल गांधी बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था पर न बोले लेकिन अडानी मामले को जरूर उठाएंगे, जिससे लोगों में यह विश्वास दिलाया जा सके कि सरकार देश की जनता को अंधेरे में रखते हुए एक बिजनेस मैन के लिए काम कर रही है।
क्यों रद्द हुई सदस्यता?
आपको बता दें कि, राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता 24 मार्च 2023 को लोकसभा सचिवालय ने रद्द कर दिया था। राहुल की सदस्यता "मोदी सरनेम" पर दिए गए एक विवादित बयान की वजह से गई है। साल 2019 के आम चुनाव के दौरान राहुल ने मोदी उपनाम को लेकर कहा था "सारे मोदी सरनेम वाले चोर ही क्यों होते हैं।" इसी मामले पर कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया था और 23 मार्च को दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके तहत लोकसभा सचिवालय ने अगले दिन यानी 24 मार्च को एक सूचना जारी करते हुए उनकी वायनाड से सांसद की सदस्यता रद्द कर दी थी।
Created On :   10 April 2023 10:56 AM IST