मेघालय में कभी निरस्त किया जा सकता है AFSPA
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डिजिटल डेस्क, कोहिमा। केंद्र ने नागालैंड की स्थिति को अशांत और खतरनाक बताया है। जिसके चलते केंद्र सरकार ने सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम की अवधि को गुरूवार को और छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। लेकिन इस बीच मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने भरोसा जताया है कि सही परिस्थितियों के साथ AFSPA को अभी भी निरस्त किया जा सकता है।
AFSPA रद्द किया जाना चाहिए
आपको बता दें कि हिंदुस्तान टाइम्स से साथ बातचीत में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा, मुझे यकीन है कि जब ऐसी स्थिति जहां समीक्षा की जाती है, और वे वास्तव में निर्णय लेने में सक्षम होते हैं, तो इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए। भले ही नागालैंड में छह महीने का विस्तार हुआ हो, फिर भी इसे निरस्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा कि AFSPA की अवधि बढ़ाना सिर्फ एक नियमित प्रक्रिया थी। हालांकि उन्होंने कहा कि, एक बार जब वह प्रस्ताव, या समीक्षा समिति इस पर गौर करती है, तो पैनल इसे देखता है, मुझे यकीन है कि AFSPA के बारे में अलग से फैसला सामने आएगा।
नागालैंड अशांत क्षेत्र घोषित
बता दें कि केंद्र सरकार ने आज एक अधिसूचना में कहा, केंद्र सरकार की राय है कि पूरे नागालैंड राज्य को शामिल करने वाला क्षेत्र इतनी अशांत और खतरनाक स्थिति में है कि सिविल पावर की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का इस्तेमाल आवश्यक है। इसमें कहा गया है कि अधिनियम की धारा 4 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार घोषित करती है कि 30 दिसंबर, 2021 से पूरे नागालैंड राज्य को छह महीने की अवधि के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया जाएगा।
जानें क्या होता है अफस्पा?
गौरतलब है कि यह अधिनियम 1958 से पूर्वात्तर में लागू है। इसके तहत सशस्त्र बलों और अशांत क्षेत्रों में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को कानून के उल्लंघन को लेकर काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को मारने, गिरफ्तारी और बिना वारंट के किसी भी परिसर की तलाशी लेने और केंद्र केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना अभियोजन और कानूनी मुकदमों से सुरक्षा की शक्ति होती है। इस अधिनियम को लेकर काफी विरोध होता रहा है।
Created On :   30 Dec 2021 11:23 PM IST