जी-23 नेताओं का कांग्रेस में समायोजन और आजाद को राज्यसभा भेजे जाने की संभावना
- किसी की भी अनदेखी नहीं की जाएगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने असंतुष्ट जी-23 समूह से संपर्क किया है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को पार्टी के निर्णय लेने वाली संस्था में समायोजित किया जाएगा और उन्हें पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जा सकती हैं।
सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के साथ बैठक के दौरान सोनिया ने उन्हें आश्वासन दिया कि नेताओं को प्रमुख भूमिकाएं दी जाएंगी और किसी की भी अनदेखी नहीं की जाएगी। वह नेताओं से मुलाकात का सिलसिला हिमाचल प्रदेश से शुरू करेंगी, जहां चुनाव होना है। सूत्रों के मुताबिक, आजाद को उच्च सदन भेजे जाने की संभावना है, जबकि आनंद शर्मा को विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका दी जाएगी। राज्यसभा में उनका कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है।
अन्य नेताओं में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा शामिल हैं, जिन्हें राज्य पार्टी प्रमुख बनाए जाने की संभावना है, जबकि कुलदीप बिश्नोई, जो जी-23 सदस्य नहीं हैं, विधायक दल के नेता हो सकते हैं। इसी तरह मनीष तिवारी और संदीप दीक्षित को भी पार्टी संगठन में शामिल किया जा सकता है।
आजाद ने शुक्रवार को पार्टी प्रमुख से मुलाकात के बाद समूह की मांगों को नरम करते हुए कहा था कि नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं है और अभी कोई पद खाली नहीं है। उन्होंने कहा, किसी ने भी नहीं कहा कि श्रीमती गांधी को पद छोड़ देना चाहिए। वह कांग्रेस अध्यक्ष हैं, हम पार्टी के नेता हैं, संगठन के पुनर्गठन के लिए जो प्रतिक्रिया दी जाती है वह जनता के लिए नहीं है .. नेतृत्व पर कोई सवाल ही नहीं है, जब श्रीमती गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी, हम सभी ने अस्वीकार कर दिया था।
उन्होंने कहा, जब पार्टी संगठनात्मक चुनाव कराएगी, तब विचार-विमर्श होगा। उस समय यह तय किया जाएगा। आजाद ने नेतृत्व परिवर्तन पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और साथी जी-23 नेता कपिल सिब्बल के विचारों से खुद को दूर करते हुए कहा कि सोनिया गांधी के प्रस्ताव को सभी समूहों द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है, हम चाहते हैं कि वह पद पर बनी रहें।
(आईएएनएस)
Created On :   21 March 2022 8:00 PM IST