अभिनेत्री और भाजपा नेता खुशबू ने मंदिरों को मुक्त कराने पर कर्नाटक सरकार के रुख की प्रशंसा की
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। अभिनेत्री और तमिलनाडु की भाजपा नेता खुशबू सुंदर ने गुरुवार को मंदिरों को सरकारी अधिकारियों के नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए कर्नाटक भाजपा सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय है, क्योंकि मंदिरों को छोड़कर अन्य सभी धार्मिक संस्थान स्वतंत्र हैं। तमिलनाडु सरकार के सामने भी ऐसी ही मांग है। उन्होंने कहा, हम तमिलनाडु सरकार और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के रुख पर गौर कर रहे हैं। तमिलनाडु में चुनाव प्रचार के दौरान मंदिरों को राज्य के नियंत्रण से मुक्त करने का आश्वासन दिया गया था।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को हुबली में आयोजित भाजपा की कार्यकारी समिति की बैठक में अपने संबोधन के दौरान कहा था कि सरकार मंदिरों को राज्य के नियंत्रण से मुक्त करने के लिए एक नया विधेयक पेश करेगी। उन्होंने आगे कहा कि राज्य के अधिकारियों और नौकरशाहों के नियंत्रण में हिंदू मंदिरों को बहुत नुकसान हुआ है। कई नियम और उपनियम मंदिरों के विकास के लिए हानिकारक हैं। बजट सत्र से पहले नया विधेयक कैबिनेट के सामने लाया जाएगा।
मंदिर प्राधिकरण सरकार के नियमन के अधीन होंगे, लेकिन वे सरकार की मंजूरी की प्रतीक्षा किए बिना मंदिरों के विकास के लिए अपने धन का उपयोग करने में सक्षम होंगे। खुशबू ने यह भी कहा कि वह बेंगलुरु में रही हैं, क्योंकि वह प्रधानमंत्री के पोषण अभियान की समिति सदस्य हैं, जिसे स्वस्थ बालक और बालिका स्पर्श कहा जाता है, जहां छह साल तक के कुपोषित बच्चे की, (जो आंगनबाड़ियों के साथ पंजीकृत नहीं हैं) पहचान की। यह कोई राजनीतिक कवायद नहीं है और वह इस बात से खुश हैं कि मुख्यमंत्री बोम्मई ने उन्हें समय दिया।
(आईएएनएस)
Created On :   30 Dec 2021 7:00 PM IST