विंध्य क्षेत्र से आप की एंट्री ने बढ़ाई बीजेपी की मुश्किलें, आसान नहीं होगा 2023 विधानसभा फतह करना

AAPs entry from Vindhya region increased the difficulties of BJP, it will not be easy to conquer 2023 assembly
विंध्य क्षेत्र से आप की एंट्री ने बढ़ाई बीजेपी की मुश्किलें, आसान नहीं होगा 2023 विधानसभा फतह करना
आप ने दी दस्तक विंध्य क्षेत्र से आप की एंट्री ने बढ़ाई बीजेपी की मुश्किलें, आसान नहीं होगा 2023 विधानसभा फतह करना

डिजिटिल डेस्क, भोपाल, अनुपम तिवारी। मप्र नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण के 11 सीटों पर रविवार को चुनावी नतीजे घोषित हो चुके हैं। बीजेपी को जहां 7 सीटें मिली हैं तो वहीं कांग्रेस को 3 सीटें मिली है। आम आदमी पार्टी ने भी विंध्य क्षेत्र से एंट्री मारकर बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के 7 जिले सतना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया व अनूपपुर विंध्य क्षेत्र में आते हैं। कल सिंगरौली से ही आप की महापौर प्रत्याशी रानी अग्रवाल ने बीजेपी उम्मीदवार चंद्रप्रताप विश्वकर्मा को 9352 मतों से हराकर जीत दर्ज की।

आप ने बीजेपी के गढ़ माने जाने वाले विंध्य क्षेत्र में दस्तक दे दी है। इस बार नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे आगामी 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को भी लेकर देखें जा रहे हैं। माना जा रहा है कि सिंगरौली से आप की जीत बीजेपी के लिए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। 

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जानें क्यों हैं बीजेपी के लिए अहम विंध्य क्षेत्र?

बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में विंध्य क्षेत्र के अंर्तगत आने वाली 30 विधानसभा सीटों में से 24 सीटों पर अपना परचम लहराया था, जबकि कांग्रेस को महज 6 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। इस लिहाज से देखा जाए तो बीजेपी का इस क्षेत्र में काफी दबदबा रहा है, विंध्य क्षेत्र भाजपा का गढ़ रहा है। बीजेपी के इस गढ़ में आप ने सेंध लगाकर बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। अगर नवनिर्वाचित आप महापौर रानी अग्रवाल जनहित में बेहतर काम करेंगी तो ये तय माना जा रहा है कि आगामी 2023 विधानसभा चुनाव में आप विंध्य क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने में कामयाब हो सकती है। जो कि बीजेपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगी। क्योंकि उसके एक साल बाद 2024 में ही लोकसभा चुनाव होने वाला है।

जनता को क्यों दिखने लगा तीसरा ऑप्शन?

आम आदमी पार्टी दो राज्यों में अपनी सरकार बना चुकी है। आप संरक्षक व दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अक्सर शिक्षा व स्वास्थ्य को लेकर जनता के बीच जाते हैं। मप्र में शिवराज सरकार को भी जनता ने नजदीक से देख लिया और कांग्रेस को भी। शिवराज सरकार पर अक्सर रोजगार व किसानों की समस्याओं व बढ़ती महंगाई पर ध्यान न देने का आरोप लगता रहा है। कांग्रेस भी सत्ता में आई लेकिन रोजगार पर उतना ध्यान नहीं दे पाई और किसानों के कर्ज को लेकर भी कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगा कि कई किसानों के कर्ज भी नहीं माफ हुए। जनता ने इन सबको देखते हुए अब तीसरा ऑप्शन चुना है। उसके सामने आम आदमी पार्टी निकलकर आई है। जिसका साफ संदेश सिंगरौली महापौर नतीजे में मिल चुका है। 

Created On :   18 July 2022 6:34 PM IST

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