झारखंड में दिख सकता है मंत्रिमंडल का नया चेहरा, कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को बदलने की चर्चा
- मंत्रिमंडल में फिलहाल दो बर्थ खाली
- झारखंड सरकार में मंत्रिमंडल बदलाव के संकेत
राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का दो महीने पहले निधन हो गया। उसके बाद से यह जगह खाली है। जगरनाथ महतो झामुमो कोटे के मंत्री थे, लिहाजा उनकी जगह इसी पार्टी के किसी विधायक को जगह मिल सकती है। टुंडी क्षेत्र के विधायक मथुरा महतो, उनके दामाद मांडू क्षेत्र के विधायक जयप्रकाश पटेल, दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी या पुत्र में से किसी एक को इस बर्थ पर लाया जा सकता है। इसके अलावा मंत्रिमंडल का एक बर्थ सरकार बनने के बाद से ही खाली रखा गया है। संभव है कि सरकार के आखिरी एक-डेढ़ साल के कार्यकाल के लिए इस बर्थ पर भी कोई नया मंत्री लाया जा सकता है।
मंत्री जगरनाथ महतो के निधन से खाली हुई डुमरी सीट पर आने वाले दिनों में उपचुनाव होगा। यह तय माना जा रहा है कि झामुमो इस सीट पर स्व. महतो की पत्नी बेबी देवी या उनके पुत्र राजू महतो को प्रत्याशी बनाएगी। राजू महतो की उम्र अभी 25 साल से कुछ कम है। अगर उपचुनाव की तिथि तक वह 25 साल के नहीं हुए तो उनकी मां बेबी देवी ही प्रत्याशी होंगी। चर्चा यह भी है कि उपचुनाव के पहले ही हेमंत सोरेन उन्हें अपने मंत्रिमंडल में जगह दे सकते हैं।
सोरेन इसके पहले भी ऐसा प्रयोग कर चुके हैं। वर्ष 2021 में मंत्री और मधुपुर के झामुमो विधायक हाजी हुसैन अंसारी का निधन होने के कुछ ही महीने बाद सोरेन ने उनके पुत्र हफीजुल हसन अंसारी को मंत्रिमंडल में जगह दे दी थी। बाद में हफीजुल मधुपुर सीट पर उपचुनाव में विजयी हुए और मंत्रिमंडल में उनकी जगह बरकरार रही।
अब बात कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की। फिलहाल सरकार में पार्टी के चार मंत्री हैं। इनमें डॉ रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख शामिल हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इन मंत्रियों के कामकाज और परफॉर्मेंस की समीक्षा कर रहा है। 82 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में पार्टी के कुल 17 विधायक हैं। इनमें चार महिलाएं दीपिका पांडेय सिंह, अंबा प्रसाद, पूर्णिमा नीरज सिंह और शिल्पी नेहा तिर्की शामिल हैं। पार्टी में महिला विधायकों की संख्या कभी इतनी नहीं रही। इस आधार पर महिला विधायक मंत्रिमंडल के कम से कम एक बर्थ पर अपनी दावेदारी शुरू से जताती रही हैं। माना जा रहा है कि संभावित फेरबदल में इनमें से किसी एक की लॉटरी खुल सकती है।
पार्टी के कई विधायक और प्रदेश इकाई के नेता-कार्यकर्ता भी मंत्रियों के परफॉर्मेंस को लेकर नेतृत्व तक अपनी बातें-शिकायतें पहुंचाते रहे हैं। पार्टी ने पूर्व में घोषणा की थी कि जनता से पार्टी के सीधे जुड़ाव के लिए हर शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पार्टी के एक मंत्री उपस्थित होंगे और जनता की समस्याएं सुनेंगे। यह घोषणा जमीन पर उतर ही नहीं पाई। यह भी तय हुआ था कि चारों मंत्री हर महीने छह-छह जिले का दौरा करेंगे। पिछले साल इसकी शुरूआत तो हुई, लेकिन दूसरे ही महीने के बाद मंत्री शिथिल पड़ गए। यह बात पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक भी पहुंचाई गई है।
हाल में कांग्रेसी कोटे के मंत्री बन्ना गुप्ता एक वायरल वीडियो एवं कथित तौर पर प्रतिबंधित किस्म का हथियार रखने के आरोप को लेकर विवादों में रहे हैं। कांग्रेस नेतृत्व अगर परफॉर्मेंस के आधार पर मंत्रियों का चेहरा बदलने के फैसले पर पहुंचा तो गुप्ता के लिए अपनी कुर्सी सुरक्षित रख पाना मुश्किल हो सकता है।
आईएएनएस
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Created On :   15 Jun 2023 6:58 PM IST