कभी नहीं सोचा था कि मुझे अधिकतम सजा मिलेगी: राहुल

कभी नहीं सोचा था कि मुझे अधिकतम सजा मिलेगी: राहुल
Rahul Gandhi breaks his silence over his disqualification for the first time during a talk at the Stanford University..(photo:@INCIndia)
अमेरिका दौरे पर राहुल गांधी
डिजिटल डेस्क सैन फ्रांसिस्को। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि मानहानि के मामले में उन्हें अधिकतम सजा मिलेगी और सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे। अमेरिका की छह दिवसीय यात्रा पर आए राहुल गांधी ने कैलिफोर्निया में प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड यूनिविर्सिटी के एक सभा को संबोधित करते हुए वायनाड के पूर्व लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने कहा, मानहानि पर अधिकतम सजा पाने वाला पहला व्यक्ति होने की उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि ऐसा कुछ संभव है।
उन्होंने कहा, लेकिन फिर मुझे लगता है कि इसने मुझे वास्तव में एक बड़ा अवसर दिया है, राजनीति इसी तरह काम करती है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह नाटक वास्तव में लगभग छह महीने पहले शुरू हुआ था। हम देश में भारी वित्तीय प्रभुत्व, संस्थाओं पर कब्जे के खिलाफ लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे।

राहुल गांधी ने कहा, हमारे देश की सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्जा कर उनकी भूमिका को बदलना चाहती है, जिसे वे निभाना चाहते हैं। इसलिए हमने कुछ अलग करने का फैसला किया। राहुल ने कहा, फिर उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ देश भर में चलने का फैसला किया (भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से)। हमने 125 लोगों के साथ कन्याकुमारी से यात्रा की शुरुआत की थी और इसने मौलिक रूप से हमारे देश, हमारे लोगों और राजनीति के बारे में सोचने के तरीके को बदल दिया।

राहुल गांधी ने कहा, उनकी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारत सरकार ने उसे बाधित करने का पूरा प्रयास किया, लेकिन वह उतना ही अधिक बढ़ता गया। उन्होंने कहा कि उनके पास बल है, लेकिन हमारे पास शक्ति है और यह शक्ति तब आती है, जब आप सत्य हैं और आपका रास्ता सत्य की ओर जाता है। इसलिए वे हमें हमारे लक्ष्य से भटका नहीं सके।

राहुल गांधी ने कहा, मुझसे कहा गया कि कश्मीर में अगर आप चार दिनों तक चलेंगे, तो आपको मार दिया जाएगा। मैंने कहा कि मैं उस व्यक्ति को देखना चाहता हूं जो हथगोला फेंकना चाहता है। कांग्रेस नेता ने कहा, आप शक्ति बनाम सत्य के क्षण देख सकते हैं। महात्मा गांधी ने पूरे ब्रिटिश साम्राज्य का मुकाबला किया, उनके पास कोई ताकत नहीं थी, जबकि अंग्रेजों के पास सारी ताकत, सेना और व्यवस्था थी। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी व्यक्ति के पास कितना बल है।

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Created On :   1 Jun 2023 1:09 PM IST

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