NCP Crisis: चाचा-भतीजे में सुलह कराने आया 'पवार' परिवार, अजित और शरद पवार से मिले युगेंद्र पवार, '19' की तरह इस बार भी होगा खेल?
- युगेंद्र पवार ने अजित और शरद पवार से की मुलाकात
- साल 2019 की तरह अजित पवार की फिर होगी घर वापसी?
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी दो भागों में बंट चुकी है। पहला अजित पवार दूसरा शरद पवार। दोनों गुट पार्टी पर अधिकार को लेकर अपने-अपने दावे कर रहे हैं। इस बीच शरद पवार मास्टर पालन के तहत अजित पवार को एनसीपी में जोड़ने के लिए नई रणनीति बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि सीनियर पवार पार्टी के टूटने और पवार परिवार को न बिखरने देने के लिए युगेंद्र पवार का सहारा ले रहे हैं। युगेंद्र पवार बीते दिन मंगलवार को अजित पवार से मुलाकात की थी। इसके बाद वो दादा शरद पवार से मिलने के लिए उनके आवास पर पहुंचे थे। जिसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि शरद गुट की ओर से पार्टी को जोड़ने के लिए पहल की जा रही है।
युगेंद्र पवार अजित पवार के भतीजे हैं। ये अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं। युगेंद्र पवार के बारे में कहा जाता है कि राजनीति करने की उनकी चाह कभी नहीं रही है वो हमेशा राजनीतिक कार्यक्रमों से अपने आप को दूर ही रखते हैं। ऐसे में एक ही दिन में युगेंद्र का चाचा अजित पवार और दादा शरद पवार से मिलना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। युगेंद्र पवार अजित पवार के बड़े करीबी माने जाते हैं। माना जा रहा है कि, युगेंद्र के प्रभाव का उपयोग कर अजित पवार को फिर से शरद पवार के साथ खड़ा किया जा सकता है। यह पहली बार नहीं है जब पवार फैमली से अजित पवार को मानने के लिए कोशिश की जा रही हो।
पहले भी पवार परिवार चाचा-भतीजे में करा चुका है सुलह
साल 2019 में एनसीपी के कुछ विधायकों के साथ अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सरकार बना ली थी। तब भी उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। इस सियासी उठापटक को शांत कराने में बड़े भाई श्रीनिवास ने अहम भूमिका निभाई थी। अजित पवार के इस फैसले से शरद पवार नाखुश थे। जिसके बाद निवास ने दोनों चाचा-भतीजे के बीच सुलह कराई थी। जिससे देवेंद्र फडणवीस की सरकार महज 24 घंटे में ही गिर गई थी और अजित पवार डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा देकर शरद पवार के साथ चले गए थे। अजित पवार की वापसी के बाद एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने तीनों मिलकर सरकार बनाई थी। जिसका नाम दिया महाविकास अघाड़ी दिया गया था। महाविकास अघाड़ी सरकार में भी अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया था। एक बार फिर साल 2019 की तरह ही स्थिति को सामान्य करने के लिए, पवार परिवार पूरी कोशिश करते हुए दिखाई दे रहा है।
'एकजुट है पवार परिवार'
अजित पवार और दादा शरद पवार से मिलने के बाद युगेंद्र ने कहा कि, मैं किसी कयास पर बात नहीं करूंगा। यह पहला मौका नहीं है जब मैंने उनसे मुलाकात की हो। जब युगेंद्र से साल 2019 में सियासी उठापटक में उनके पिता के रोल को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, यह परिवार की बात है। दोनों भाई हैं और हम राजनीति में नहीं हैं। युगेंद्र ने आगे कहा कि, हम परिवार और राजनीति को अलग रखते हैं। भले ही राजनीतिक तौर पर कुछ मतभेद रहे हो लेकिन पवार परिवार अभी भी एकजुट है।
Created On :   12 July 2023 12:53 PM IST