Nagpur News: हिंदूवादी दलों को समाप्त करने की रणनीति पर काम कर रही है भाजपा

हिंदूवादी दलों को समाप्त करने की रणनीति पर काम कर रही है भाजपा
  • राष्ट्र समर्पण पार्टी के प्रवक्ता ठाकुर ने पत्रकार वार्ता में लगाए आरोप
  • छोटे समझे जानेवाले राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने की बात पर बवाल

Nagpur News छोटे समझे जानेवाले राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने के विषय को लेकर राजनीति गर्माने लगी है। राष्ट्र समर्पण पार्टी ने इस मामले को भाजपा की रणनीति का हिस्सा कहा है। आरोप लगाया गया है कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छोटे दलों और विशेषकर हिंदूवादी दलों को समाप्त करना चाहते हैं। वहीं भाजपा की ओर से दावा किया जा रहा है कि कुछ दल केवल आर्थिक लाभ के लिए चुनाव के समय सक्रिय हो जाते हैं।

क्या है आरोप : राष्ट्र समर्पण पार्टी के प्रवक्ता व संपर्क प्रमुख शशिकांत ठाकुर ने पत्रकार वार्ता में भाजपा पर दबाव की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है-भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी ऐसे संगठन को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं जो हिंदुवादी हो। इन्हें आशंका है कि अन्य हिंदुवादी दल या संगठन प्रभावशाली होंगे तो भाजपा को अस्तित्व संकट में आ जाएगा। लिहाजा भाजपा हिंदूवादी दलों को समाप्त करने की रणनीति पर काम कर रही है। राष्ट्र समर्पण पार्टी विविध राज्यों में हिंदुवादी पहचान के साथ चुनाव लड़ती है। इसलिए उसे रोकने का प्रयास किया जा रहा है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्धीकी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राष्ट्र समर्पण पार्टी सहित अन्य दलों की मान्यता रद्द करने का निवेदन किया है। लोकतंत्र में प्रत्येक दल को चुनाव लड़ने का अधिकार है। जमाल सिद्धीकी माफी मांगे। पत्रकार वार्ता में विजय हिवराले, उमेश खडसे, सुनील वानखेेडे उपस्थित थे।

क्या है मामला : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा नेता जमाल सिद्धीकी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर 25-30 राजनीतिक संगठनों की मान्यता रद्द करने का निवेदन किया था। उनका कहना था कि उम्मीदवार के समान ही राजनीतिक संगठन के लिए भी अनुमोदक हो। संगठन के पंजीयन के लिए मापदंड निर्धारित रहे। किसी चुनाव में निर्धारित मापदंड के अनुसार उम्मीदवार जीतने पर ही संबंधित संगठन को मान्यता दें। उन्हें संदेह व्यक्त किया कि चुनाव के समय सक्रिय छोटे राजनीतिक संगठन का अधिक लक्ष्य चुनाव चंदा रहता है। कुछ अन्य दल इन छोटे दलों का इस्तेमाल चुनाव खर्च बचाने के लिए भी करते है। कई संगठन तो उम्मीदवार और बड़े राजनीतिक दलों को ब्लैकमेल भी करते नजर आए हैं। कालेधन को सफेद करने का भी दांव चला जाता है।

मेरा व्यक्तिगत मत : चुनाव के समय अचानक सक्रिय होनेवाले राजनीतिक संगठनों के संबंध में मैंने चुनाव आयोग को जो पत्र लिखा वह मेरा व्यक्तिगत मत है। चुनाव लड़ने का सभी को अधिकार है। लेकिन संगठन के नाम पर चुनावी ब्लैकमेलिंग पर नियंत्रण हो। जांच के बाद ही चुनाव आयोग उचित लेगा। मेरा व्यक्तिगत तौर पर किसी संगठन का विरोध नहीं है।-जमाल सिद्धीकी, अध्यक्ष भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा

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  • 25 Jan 2025 6:47 PM IST

    राजनीति गर्माने लगी

    छोटे समझे जानेवाले राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने के विषय को लेकर राजनीति गर्माने लगी है। राष्ट्र समर्पण पार्टी ने इस मामले को भाजपा की रणनीति का हिस्सा कहा है। आरोप लगाया गया है कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छोटे दलों और विशेषकर हिंदूवादी दलों को समाप्त करना चाहते हैं। वहीं भाजपा की ओर से दावा किया जा रहा है कि कुछ दल केवल आर्थिक लाभ के लिए चुनाव के समय सक्रिय हो जाते हैं।

Created On :   25 Jan 2025 6:44 PM IST

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