शीर्ष अदालत से राहत मिलने के बाद राहुल गांधी को फॉलो करनी होगी ये प्रक्रिया, तब जाकर बहाल होगी संसद सदस्यता! संसद सचिवालय से होगा फैसला

शीर्ष अदालत से राहत मिलने के बाद राहुल गांधी को फॉलो करनी होगी ये प्रक्रिया, तब जाकर बहाल होगी संसद सदस्यता! संसद सचिवालय से होगा फैसला
  • मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को मिली राहत
  • सूरत की निचली अदालत ने सुनाई थी दो साल की सजा
  • क्या राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होगी?

डिजिटल डेस्क,नईदिल्ली। मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है। जज ने इस मामले में राहुल को राहत देते हुए कहा कि हम सेशंस कोर्ट में अपील लंबित रहने तक राहुल की दोषसिद्धि पर रोक लगा रहे हैं। कोर्ट से मिली इस राहत से कांग्रेस पार्टी काफी खुश है। वहीं लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होगी?

राहुल गांधी के इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है। राहुल गांधी की तरफ से पक्ष रखने वाले वकील मनु सिंघवी ने अदालत में अपने तर्क रखे। मनु सिंघवी ने तर्क रखते हुए कहा कि लोग कहते हैं कि मोदी नाम वाले 13 करोड़ लोग है लेकिन ध्यान से देखा जाए तो परेशानी केवल बीजेपी से जुड़े लोगों को हो रही है। यहीं नहीं इस मामले में कोर्ट में सिंधवी ने और भी कई दलीलें दी।

राहुल को मिली राहत

राहुल गांधी के इस मामले पर आदेश लिखवाते हुए पीठ ने कहा की राहुल की अपील सेशंस कोर्ट में पेंडिंग है इसलिए हम केस पर टिप्पणी नहीं करेंगे। पीठ ने आगे कहा कि जहां तक दोषसिद्धि पर रोक की बात है, ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि की अधिकतम सजा दी है लेकिन इस सजा का कोई विशेष कारण नहीं दिया है।

उनकी सजा कुछ कम होती तो उनकी सदस्यता नहीं जाती, दो साल की सजा के चलते राहुल जनप्रतिनिधित्व कानून के दायरे में आ गए। पीठ ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि राहुल का बयान अच्छा नहीं था। इस तरह के बयान देते समय सार्वजनिक जीवन में संयम बरतना चाहिए।

पीठ ने यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट के इस फैसले से राहुल के अलावा उनके निर्वाचन क्षेत्र के नागरिकों का अधिकार भी प्रभावित हो रहा है। इसलिए सेशंस कोर्ट ने में अपील लंबित रहने तक राहुल की दोषसिद्धि पर रोक लगा रहे हैं। राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से अधिकतम सजा सुनाए जाने के फैसले को लेकर सवाल उठाए,साथ ही सुनवाई पूरी होने तक दोषसिद्धि पर रोक लगाने के फैसले के कई मायने हैं।

राहुल गांधी की बहाल होगी संसद सदस्यता

मोदी सरनेम मामले में राहुल गाधीं को सूरत की निचली अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने आदेश जारी कर उनकी लोकसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा के साथ ही दोषसिध्दि पर भी रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी के लिए संसद में जाने के लिए कानूनी द्वार खुल गए हैं।

पीठ के इस फैसले के बाद हालिया तौर पर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहला होने का रास्त साफ हो चुका है। जिसकी मुख्य वजह यह है कि राहुल गांधी की सदस्यता को अयोग्य ठहराए जाने के बाद अगर वायनाड की सीट पर उपचुनाव हो जाते तो उनकी सदस्यता बहाल नहीं हो सकती थी,लेकिन अभी तक वायनाड में उपचुनाव नहीं हुए हैं।

राहुल का अगला कदम

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को अब लोकसभा सचिवालय का रुख करना होगा। जहां उन्हें प्रतिवेदन देना होगा जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आज के आदेश को उल्लेखित करते हुए लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का अनुरोध करना होगा।

इस प्रकिया के बाद लोकसभा सचिवालय के अधिकारी आदेश का अध्ययन करेंगे और सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी किया जाएगा। सदस्यता बहाली का आदेश जारी करने के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि सचिवालय को सदस्यता बहाली को लेकर जल्द फैसला लेना होगा।

राहुल 2024 में लड़ेंगे चुनाव

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को इस मामले में बड़ी राहत मिली है। राहुल गांधी के 2024 में चुनाव लड़ने की संभावना को लेकर अगर-मगर के बादल छंट गए हैं। सुप्रीम कोर्ट अगर निचली अदालत के फैसले पर रोक नहीं लगाई होती तो वह 2024 के चुनाव नहीं लड़ पाते। सुप्रीम कोर्ट के फैसले और ताजा रुख से अनुमान लगाया जा रहा है कि राहुल गांधी संसद में तो लौटेंगे ही साथ ही 2024 में चुनाव भी लड़ सकते हैं।

अंतिम फैसले पर टिका भविष्य

राहुल गांधी को मिली राहत फौरी राहत है। क्योंकि भले ही अभी सेशंस कोर्ट में अपील लंबित रहने तक राहुल की सजा पर रोक लगा दी गई है लेकिन सेशंस कोर्ट दो साल की सजा सुनाता है तो आयोग्यता का कानून राहुल पर फिर से लागू हो सकता है। अगर राहुल गांधी को इस मामले में बरी किया जाता है या उनकी सजा को घटाकर दो साल से कम कर दिया जाता है तो उनकी सदस्यता बहाल रहेगी।

Created On :   4 Aug 2023 3:32 PM IST

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