Mumbai-Nagpur BMC Election 2025: महाविकास अघाड़ी में आई दरार! शिवसेना अकेले लड़ेगी महानगरपालिका चुनाव, संजय राउत ने बताई वजह

महाविकास अघाड़ी में आई दरार! शिवसेना अकेले लड़ेगी महानगरपालिका चुनाव, संजय राउत ने बताई वजह
  • संजय राउत ने महानगरपालिका को लेकर दिया बड़ा बयान
  • शिवसेना यूबीटी के अकेले चुनाव लड़ने की कही बात
  • शुक्रवार को महाविकास अघाड़ी में तालमेल न होने की कही थी बात

डिजिटल डेस्क, मुंबई। इंडिया एलायंस में बढ़ती अंतर्कलह के बीच शिवसेना (यूबीटी) ने आने वाले मुंबई और नागपुर महानगर पालिका चुनाव अकेले लड़ने का फैसला लिया है। राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शनिवार को इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा, 'हम मुंबई और नागपुर महानगरपालिका अपने दम पर लड़ेंगे; जो भी होगा, हमें खुद देखना होगा। उद्धव ठाकरे ने हमें संकेत दिया है। मैंने अभी-अभी हमारे नागपुर शहर अध्यक्ष प्रमोद मनमोड़े से इस बारे में चर्चा की है।'

बताई ये वजह

राज्यसभा सांसद ने कहा, 'यह फैसला लोकल लेवल पर पार्टी मजबूत करने के लिए लिया गया है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं को मौका नहीं मिलता। इससे पार्टी की ग्रोथ प्रभावित हो रही है। हमें नगर निगम, जिला परिषद और नगर पंचायत में अपने दम पर लड़ना चाहिए और अपनी पार्टी को मजबूत करना चाहिए।'

इंडिया गठबंधन में आई दरार के लिए कांग्रेस जिम्मेदार

इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने कहा था कि इंडिया गठबंधन में आई दरार के लिए शिवसेना सांसद ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, "हमने 2024 का लोकसभा चुनाव 'इंडिया' गठबंधन के साथ मिलकर लड़ा था। लोकसभा चुनाव के बाद से 'इंडिया' गठबंधन की एक भी बैठक नहीं हुई। सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस पार्टी इन सबके लिए जिम्मेदार है।"

उन्होंने आगे कहा, "अगर 'इंडिया' गठबंधन एक बार टूट गया तो यह फिर कभी नहीं बनेगा।" राउत ने कहा कि गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते इसे बचाने की जिम्मेदारी कांग्रेस की थी। लोकसभा चुनाव के बाद गठबंधन के नेताओं की एक भी मीटिंग नहीं हुई। गठबंधन के दलों के बीच न कोई समन्वय है, न कोई चर्चा और न ही कोई संवाद। इसलिए देशभर के नेता 'इंडिया' गठबंधन से नाखुश हैं।

महाविकास अघाड़ी में कोई तालमेल नहीं

महाविकास अघाड़ी में कोई तालमेल नहीं राउत ने कहा कि इंडिया गठबंधन की तरह ही महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी गठबंधन में भी कोई सामंजस्य नहीं है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस की स्टेट यूनिट सीचों के लिए सौदेबाजी कर रही थी, तब भी कांग्रेस आलाकमान की ओर से दखल नहीं दिया। कई विधानसभा सीटें ऐसी थीं जहां एनसीपी (शरद गुट) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के पास अच्छे उम्मीदवार थे, लेकिन कांग्रेस ने उन पर दावा नहीं छोड़ा।

Created On :   11 Jan 2025 6:06 PM IST

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