महायुति में दरार!: BJP के इस नेता ने शिंदे सरकार के कार्यकाल से जुड़े प्रोजेक्ट पर उठाए सवाल, BMC को पत्र लिखकर निकाली भड़ास
- महाराष्ट्र में मंत्रालय बंटवारे पर फंसा पेंच
- भाजपा नेता का एकनाथ शिंदे पर उठाए सवाल
- शिंदे सरकार के कार्यकाल पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की मुख्यमंत्री बनने के बाद अब मंत्रालय बंटवारे पर पेंच फंसा हुआ है। इसके लिए राज्य की सत्ताधारी महायुति सरकार के घटक दलों में जमकर खींचतान चल रही है। इस बीच 15 दिसंबर को फडणवीस सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार होने की संभावना है। लेकिन, इससे पहले भाजपा खेमे से विधायक आशीष शेलार ने पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना चीफ एकनाथ शिंदे पर बड़ा आरोप लगाया है। उनके के इस आरोप के बाद सूबे की राजनीति में सियास भूचाल आ गया है। दरअसल, भाजपा विधायक ने एकनाथ शिंदे के कार्यकाल से जुड़े एक प्रोजेक्ट पर आपत्ति जाहिर की है। इसके लिए उन्होंने बीएमसी कमिश्नर को पत्र लिखा है।
भाजपा नेता ने एकनाथ शिंदे पर बोला हमला
इस पत्र में भाजपा नेता ने बीएमसी कमिश्नर भूषण गगरानी से शिंदे सरकार के कार्यकाल में 6000 करोड़ रुपये की सड़क सीमेंटिग प्रोजेक्ट में इस्तेमाल हुई बेकार गुणवत्ता पर नाराजगी जाहिर की है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने इस प्रोजेक्ट में जांच की मांग भी की है।
पत्र में आशीष शेलार ने लिखा, "मैं पिछले साल से मुंबई में शुरू किए गए 6,000 रुपये के सीमेंट कंक्रीट कार्यों और चल रहे छोटे सड़क कंक्रीटिंग कार्यों के संबंध में लिख रहा हूं। मेरे विधानसभा क्षेत्र के सांताक्रूज पश्चिम क्षेत्र में बुधवार को सड़क निरीक्षण के दौरान मैंने देखा कि हाल ही में बनी कंक्रीट की सड़कों में दरारें आ गई हैं। कंक्रीट की परतें उखड़ रही हैं और हाल ही में शुरू किए गए सड़क कार्यों के लिए भी ठीक से काम नहीं किया जा रहा है।"
एकनाथ शिंदे के कार्यकाल पर उठाए सवाल
इसके बाद आशीष शेलार ने लिखा, "खराब गुणवत्ता वाले काम और खराब कंक्रीटिंग कार्यों के कई शिकायतों के बाद मैं मांग करता हूं कि एक विशेष जांच दल का गठन किया जाए। इसमें किए गए कार्य के गुणवत्ता पहलुओं की जांच की जाए। साथ ही कंक्रीट की गई 40 फीसदी सड़क पैच का आईटी बॉम्बे, वीजेटीआई के विशेषज्ञों सहित विस्तृत ऑडिट किया जाए।"
उन्होंने आगे लिखा, "गुणवत्ता नियंत्रण, सतर्कता प्रक्रिया और ठेकेदार के काम में यदि कोई चूक हुई है तो उसकी जांच की जानी चाहिए। जांच के आधार पर दोषी सड़क ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, जिसमें लापरवाह एजेंसियों, अधिकारियों के खिलाफ जुर्माना और ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई की जाए।"
Created On :   14 Dec 2024 4:45 PM IST