सदन सत्र: केंद्र सरकार इस सेशन या अगले सत्र में पेश कर सकती है वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक
- कोविंद कमेटी ने 62 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा की
- 32 पार्टियों ने वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन किया
- 15 दलों ने विरोध किया, 15 राजनैतिक दलों ने कोई स्पष्ट मत नहीं दिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार संसद के इस सेशन या अगले सत्र में वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक पेश कर सकती है। इसके पीछे की मुख्य वजह ये मानी जा रही है कि वन नेशन वन इलेक्शन मोदी सरकार की प्राथमिकता में सबसे ऊपर है।
उससे पहले केंद्र सरकार इस बिल पर विस्तार से चर्चा करने के लिए संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज सकती है। आपको बता दें वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कमेटी की रिपोर्ट को कैबिनेट से पहले ही मंजूरी मिल गई है।
मोदी सरकार का मानना है कि इस बिल पर आम सहमति बने और सभी से चर्चा होनी चाहिए। जेपीसी सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति कोविंद के नेतृत्व वाली कमेटी ने 62 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा की, इनमें से 32 पार्टियों ने वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन किया था, जबकि 15 दलों ने विरोध किया, वहीं 15 राजनैतिक दलों ने कोई स्पष्ट मत नहीं दिया। जेपीसी सभी राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों से भी चर्चा कर सकती है। इसके अलावा देशभर के बुद्धिजीवियों और आम लोगों से भी कमेटी चर्चा करेगी।
Created On :   9 Dec 2024 6:35 PM IST