रुपौली उपचुनाव 2024: पूर्णिया लोकसभा चुनाव की ही तरह रहा उपचुनाव का रिजल्ट, बीमा भारती फिर तीसरे नंबर पर, 'कैंची छाप' का ही रहा दबदबा

पूर्णिया लोकसभा चुनाव की ही तरह रहा उपचुनाव का रिजल्ट, बीमा भारती फिर तीसरे नंबर पर, कैंची छाप का ही रहा दबदबा
  • रुपौली सीट से निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह को मिली जीत
  • रुपौली सीट से पूर्व विधायक बीमा भारती रहीं तीसरे नंबर पर
  • जेडीयू प्रत्याशी कलाधर मंडल 8 हजार वोटों से हारे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार के पूर्णिया की रुपौली विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को हुए उपचुनाव में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। निर्दलीय शंकर सिंह यहां से चुनाव जीत गए हैं। पूर्णिया लोकसभा चुनाव के नतीजे के महीने भर बाद रुपौली उपचुनाव आए हैं। लोकसभा चुनाव की ही तरह गिनती के 12 में से 6 राउंड तक जेडीयू प्रत्याशी कलाधर मंडल बढ़त बनाए रहे और अंत आते-आते निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने जीत हासिल की। इस बार भी बीमा भारती तीसरे नंबर पर रहीं। इसके अलावा इस चुनाव में भी एक और संयोग देखने को मिला। निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह को भी कैंची छाप ही मिला था।

किसे मिले कितने वोट?

निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह को भी 68070 वोट मिले। वहीं, जेडीयू प्रत्याशी 59824 वोट मिले। इसके अलावा इस चुनाव में भी आरजेडी प्रत्याशी बीमा भारती तीसरे नंबर पर रही। इस चुनाव में उन्हें 30619 वोट मिले।

निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जेडीयू प्रत्याशी कलाधर मंडल को 8,204 वोटों से शिकस्त दी है। वहीं, बीमा भारती इस सीट पर जीत से कोसों दूर रहीं। यह नतीजा ठीक पूर्णिया लोकसभा चुनाव के नतीजे से जैसी ही रही। लोकसभा चुनाव में भी जेडीयू के प्रत्याशी शुरुआती रुझान में आगे रहे। लेकिन, अंत में पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने जीत हासिल की थी। यहां भी बीमा भारती तीसरे नंबर पर रहीं थी।

कैसे खाली हुई सीट?

रुपाली उपचुनाव पूर्णिया लोकसभा संसदीय चुनाव की वजह से हुआ है। रुपौली से पूर्व विधायक बीमा भारती ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी और पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद रुपौली सीट खाली हुई। जिसके बाद 10 जुलाई को रुपौली सीट पर मतदान हुआ।

लोकसभा चुनाव में भी एनडीए और इंडिया गठबंधन ने यहां पर निर्दलीय प्रत्याशी को हराने के लिए पूरी ताकत झोक दी थी। रुपौली उपचुनाव में भी मुख्यमंत्री से लेकर उनके कई मंत्री सीट पर दौरा किया। इधर, बीमा भारती की ओर से तेजस्वी यादव ने पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार किया। लेकिन अंत में दोनों चुनाव में जीत निर्दलीय प्रत्याशी की हुई।

Created On :   13 July 2024 5:53 PM IST

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