यूपी उपचुनाव में रालोद का असर कमजोर!: जम्मू-कश्मीर में मिली हार से जयंत चौधरी की पार्टी को सबक, महाराष्ट्र-झारखंड-दिल्ली चुनाव के लिए बनानी होगी कड़ी रणनीति

जम्मू-कश्मीर में मिली हार से जयंत चौधरी की पार्टी को सबक, महाराष्ट्र-झारखंड-दिल्ली चुनाव के लिए बनानी होगी कड़ी रणनीति
  • आगामी चुनाव के लिए बनानी होगी कड़ी रणनीति
  • घाटी में बड़ी तैयारी के साथ चुनाव लड़ी थी रालोद
  • फिर भी चुनाव नतीजे आए पार्टी के विपरीत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को बड़ा झटका लगा है। रालोद ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में केवल 6 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मदीवार उतारे थे। लेकिन, पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। ऐसे में माना जा रहा है कि इस चुनावी नतीजे का असर उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर भी पड़ सकता है।

जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ने के बाद रालोद पार्टी की मनसा थी कि वह झारखंड, महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराए। हालांकि, अब इस हार से पार्टी की उम्मीदों को थोड़ा झटका जरूर लगा है। माना जा रहा है कि इस झटके का असर यूपी में होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर भी पड़ सकता है।

बड़ी तैयारी के साथ चुनाव लड़ी थी रालोद

मौजूदा समय में रालोद पार्टी केंद्र की बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन का हिस्सा है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में जयंत चौधरी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था। साथ ही, इस चुनाव में पार्टी नेताओं ने प्रचार भी किया था। लेकिन उम्मीदों के मुताबिक सफलता नहीं मिल पाई। रालोद ने जम्मू-कश्मीर उपचुनाव में पट्टन, लैंगेट, सोनावारी, बांदीपोरा, बारामुला और रफियाबाद में चुनाव लड़ा था। जहां पार्टी के प्रत्याशी पांचवें स्थान से नीचे ही रहे। जिससे रालोद के हौसले पस्त हुए हैं।

10 सीटों पर होगा दंगल

उत्तर प्रदेश की जिन दस सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने वाले हैं। उनमें फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, मझवां, मीरापुर, मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी, कुंदरकी और सीसामऊ सीट शामिल है। इनमें नौ सीटों के विधायक इस साल हुए लोकसभा चुनाव में जीतकर सांसद बन गए। जबकि, सीसामऊ सपा विधायक इरफान सोलंकी की आपराधिक मुकदमे के चलते उनकी विधायक की सदस्यता रद्द कर दी गई है।

अगर रालोद उत्तर प्रदेश की दस सीटों पर उपचुनाव लड़ती है तो उसे पुराने साथी सपा का सामना करना पड़ सकता है। जिसके खिलाफ रालोद को कड़ी रणनीति तैयार करनी होगी। वहीं, जयंत चौधरी की पार्टी को एनडीए गठबंधन की ओर से चुनाव लड़ने को कुछ सीटें मिलती है तो यूपी का चुनावी मुकाबला और ज्यादा दिलचस्प हो जाएगा।

Created On :   10 Oct 2024 3:22 PM IST

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