दो टूक जवाब: राज्यसभा स्पीकर जगदीप धनखड़ का विपक्ष पर तंज, बोले - नोटिस लिखने वाले ने ज़ंग लगे चाकू का किया इस्तेमाल

राज्यसभा स्पीकर जगदीप धनखड़ का विपक्ष पर तंज, बोले - नोटिस लिखने वाले ने ज़ंग लगे चाकू का किया इस्तेमाल
  • राज्यसभा स्पीकर जगदीप धनखड़ का विपक्ष पर हमला
  • विपक्ष राज्यसभा स्पीकर के खिलाफ लाया अविश्वास प्रस्ताव
  • जगदीप धनखड़ ने कही ये बात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में राज्यसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष द्वारा मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इस पर मंगलवर को उपराष्ट्रपति ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। इस पर उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद का हवाला करते हुए विपक्ष पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि सब्जी काटने वाले चाकू से बाईपास सर्जरी कभी नहीं करें। उपराष्ट्रपति ने कहा, "मेरे खिलाफ लाया गया नोटिस तो सब्जी काटने वाला चाकू भी नहीं था, उसमें तो जंग लगा हुआ था।" जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश विरोधी ताकतों की ओर से संवैधानिक संस्थानों को ईंट-दर-ईंट कमजोर किया जा रहा है।

जगदीप धनखड़ ने विपक्ष पर साधा निशाना

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि संवैधानिक पदों की गरिमा को प्रतिष्ठा, उच्च आदर्श और संवैधानिकता से बनाए रखना बेहद आवश्यक है। लोकतंत्र की सफलता के लिए अभिव्यक्ति और संवाद अपरिहार्य हैं। वह बोले, "उपराष्ट्रपति के खिलाफ दिए गए नोटिस को देखिए. उसमें दिए गए छह लिंक को देखिए

जगदीप धनखड़ ने कहा, "आप हैरान हो जाएंगे. चंद्रशेखर जी ने एक बार कहा था कि सब्जी काटने वाले चाकू से बाईपास सर्जरी कभी नहीं करें। यह नोटिस तो सब्जी काटने वाला चाकू भी नहीं था, वह तो जंग लगा हुआ था। इसमें जल्दबाजी की गई। जब मैंने इसे पढ़ा तो मैं स्तब्ध रह गया, लेकिन मुझे और अधिक आश्चर्य तब हुआ, जब मैंने ये पाया कि आपने इसे नहीं पढ़ा। अगर आप इसे पढ़ते तो कई दिनों तक सो नहीं पाते।"

अविश्वास प्रस्ताव लाने पर कही ये बात

राज्यसभा स्पीकर ने एक महिला पत्रकार वेलफेयर ट्रस्ट की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही थी। उन्होंने कहा, "मैं यह साफ करना चाहता हूं कि यह नोटिस क्यों दिया गया। किसी भी संवैधानिक पद को प्रतिष्ठा, उच्च आदर्शों और संवैधानिकता से पुष्ट किया जाना चाहिए। हम यहां हिसाब बराबर करने के लिए नहीं हैं।" राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने कहा, "जब विपक्ष के नेता राहुल गांधी का मामला उठा तब सदन के नेता पीयूष गोयल ने यह मुद्दा उठाया, मैंने इसे तय किया। आप खुद इसे पढ़िए, अगर इसमें कुछ गलत है, तो मुझे मार्गदर्शन मिलने में खुशी होगी। उन्होंने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन वे यह पचा नहीं पाए कि अध्यक्ष ने ऐसा फैसला कैसे किया?

Created On :   24 Dec 2024 11:33 PM IST

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