खुलासा: समय लिया, पर इस तरह डिप्टी सीएम बनने के लिए मान ही गए शिंदे, सीएम फडणवीस ने खुद बताई इनसाइड स्टोरी
- सीएम फडणवीस ने खुद बताई इनसाइड स्टोरी
- दिल्ली मीटिंग में ही मान गए थे शिंदे
- राज्य में सीएम फेस को लेकर चली थी खींचतान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में गुरुवार को नई सरकार का गठन हुआ। इस बीच फडणवीस ने एक इंटरव्यू में एकनाथ शिंदे और अजित पवार के बारे में खुलकर बात की। साथ ही, उन्होंने एकनाथ शिंदे के डिप्टी सीएम पद के लिए राजी होने पर भी बात की। इसके अलवा फडणवीस ने मंत्रालय बंटवारे पर भी खुलकर अपनी बात रखी।
सीएनएन- न्यूज 18 को दिए इंटरव्यू में महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि तीन दलों की सरकार होने के चलते हर मुद्दे पर चर्चा होगी। सामूहिक निर्णय आवश्यक है। उन्होंने साफ कर दिया कि सरकार के गठन में कोई अनावश्यक देरी नहीं हुई और शिंदे किसी भी बात पर नाराज नहीं हुए थे।
कैसे डिप्टी सीएम के लिए माने शिंदे?
फडणवीस ने कहा कि दिल्ली में हुई बैठक में ही शिंदे जी ने मान लिया था कि अधिक विधायक होने के चलते सीएम बीजेपी की ओर से ही बनना चाहिए। शिंदे के डिप्टी सीएम पर असहमति को लेकर जब फडणवीस से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अगर पार्टी प्रमुख सरकार के बाहर रहे तो पार्टी नहीं चल सकती है। उन्होंने यहीं बात शिंदे जी को कही थी।
देवेंद्र फडणवीस ने बताया- शिंदे जी की मैंने एक आदत देखी है कि वे आराम से चीजों को सुनते हैं, इसके बाद फैसला करते हैं। सबसे बातचीत करते हैं। टिकट बंटवारे के समय भी आखिर समय तक वे चर्चाएं करते रहे। लेकिन उनका फैसला (डिप्टी सीएम) पक्का हो गया था। उन्होंने पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किया। फडणवीस ने बताया कि मेरी जो उनसे पहले मीटिंग हुई थी। जब हम दोनों मिले तभी यह फाइनल हो गया था।
फडणवीस ने आगे कहा कि उनकी पार्टी में दो राय को लेकर बहस चल रही थी। आम राय यह थी कि शिंदे जी को सरकार में शामिल होना चाहिए। वहीं, कुछ लोगों को मानना था कि शिंदे डिप्टी सीएम न बनें। फडणवीस ने कहा- शिंदे जी भावुक स्वभाव के व्यक्ति हैं। वहीं, अजित दादा व्यावहारिक राजनीति करते हैं। मैंने दोनों से तालमेल बिठा लिया है। इसके अलावा फडणवीस ने बीते दो साल की राजनीति को रोलर कोस्टर राइड बताया।
मंत्रालय बंटवारे पर भी की बात
इसके अलावा मंत्रालय बंटवारे को लेकर उन्होंने कहा कि सामुहिक निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा- चाहे गृह मंत्रालय हो या फिर कोई और मंत्रालय। हम सब मिलकर बात करके निर्णय लेंगे। इसके अलावा राजनीतिक चुनौतियों पर बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि 2019 में उद्धव ठाकरे के धोखे के बाद बीजेपी ने राज्य में लगातार संघर्ष किया। सभी ने मिलकर 2.5 साल तक लड़ाई लड़ी। जिसमें सभी साथी एक साथ रहे।
Created On :   6 Dec 2024 8:24 PM IST