इंडिया बनाम भारत, देश के इतिहास को विकृत करने का जबरदस्त प्रयास - ममता बनर्जी

इंडिया बनाम भारत, देश के इतिहास को विकृत करने का जबरदस्त प्रयास - ममता बनर्जी
देश के इतिहास को विकृत करने का जबरदस्त प्रयास - ममता बनर्जी

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में 9 सितंबर को आयोजित जी-20 रात्रिभोज के लिए सामान्य 'इंडिया की राष्ट्रपति' के बजाय 'भारत के राष्ट्रपति' के नाम पर निमंत्रण भेजने के मामले को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। ममता बनर्जी ने कहा कि यह भारत के इतिहास को विकृत करने का खुला प्रयास है।

शिक्षक दिवस के अवसर पर एक समारोह को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने सुना है कि आज उन्होंने ‘इंडिया’ का नाम बदलकर भारत कर दिया है। यह देश के इतिहास को विकृत करने का खुला प्रयास है। वे हमेशा ऐसा करने की कोशिश करते रहते हैं। लेकिन, यह हमें स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने राज्यपाल सीवी. आनंद बोस के विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों के लिए अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति के फैसले का भी विरोध किया। उन्होंने राज्यपाल के निर्देशों का पालन करने वाले विश्वविद्यालयों की आर्थिक नाकेबंदी की धमकी भी दी। बता दें गवर्नर अपने पद के आधार पर राज्य विश्वविद्यालयों के चांसलर भी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हम पुलिस बनाते हैं और धन मुहैया कराते हैं। आप विश्वविद्यालय के मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप करेंगे। अब मैं सीधी चेतावनी देना चाहती हूं कि अगर कोई भी राज्य विश्वविद्यालय राज्यपाल के निर्देशानुसार संचालित होगा तो मैं उनके लिए आर्थिक नाकेबंदी कर दूंगी। फिर, वेतन कैसे देंगे? यदि आवश्यक हुआ तो मैं व्यक्तिगत रूप से गवर्नर हाउस के सामने आंदोलन का नेतृत्व करूंगी।” मुख्यमंत्री की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य भाजपा नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालयों को राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के अनावश्यक राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त करने के लिए सही कदम उठा रहे हैं।

राहुल सिन्हा ने कहा किक्या मुख्यमंत्री राज्य के विश्वविद्यालयों के लिए आर्थिक नाकेबंदी की धमकी देकर राज्य में शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से ध्वस्त करना चाहती हैं? यह एक खतरनाक प्रथा है। सीपीआई (एम) केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि न तो मुख्यमंत्री और न ही राज्यपाल वास्तव में राज्य के शिक्षा क्षेत्र की बेहतरी में रुचि रखते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों अपने-अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप राज्य का शैक्षणिक माहौल खराब हो रहा है।

(आईएएनएस)

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Created On :   5 Sept 2023 4:24 PM IST

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