UP में तालमेल बैठा तो बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकती है बसपा? लोकसभा चुनाव में सपा और आरएलडी को मात देने की तैयारी में पार्टी आलाकमान
- यूपी में बीजेपी ने तैयारियां की तेज
- लोकसभा चुनाव से पहले एक्शन मोड में बीजेपी अलाकमान
- अगले साल होने वाले हैं लोकसभा चुनाव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए बीजेपी ने अभी से ही उत्तर प्रदेश में तैयारियां तेज कर दी हैं। बीजेपी यहां पर क्लीन स्वीप की रणनीति पर काम कर रही है। बीते दिनों बीजेपी और आरएलडी के बीच गठबंधन की चर्चा ने खूब सुर्खियां बटोरी। लेकिन, बाद में इन दोनों पार्टियों ने इस गठबंधन को लेकर साफ इनकार दिया। इस बीच खबर है कि बीजेपी बसपा के साथ गठबंधन कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन दोनों पार्टियों के बीच सीटों के तालमेल का फॉर्मूला भी तय कर लिया गया है। बीजेपी नेताओं का मानना है कि आरएलडी के मुकाबले बसपा से गठबंधन करना बेहतर विकल्प है। इस वक्त बसपा प्रमुख मायावती ने गठबंधन करने के लिए अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
यूपी में बीजेपी की रणनीति
बीजेपी ने पहले ही पूर्वी यूपी में अपने समीकरण को बेहतर करने के लिए सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर और दारा सिंह को अपने पाले में कर लिया है। बीजेपी अब पश्चिम यूपी में भी अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, इस पर बीजेपी नेताओं का मत अलग है। उनका कहना है कि बीजेपी को पहले से ही विधानसभा और निकाय चुनाव में आरएलडी के जाट वोट का साथ मिलता रहा है। इसके अलावा बसपा की मौजूदगी वेस्ट यूपी में सबसे ज्यादा मानी जाती है। ऐसे में बीजेपी की कोशिश है कि बसपा को अपने साथ लाकर पश्चिमी यूपी में अपनी दावेदारी मजबूत करें।
किसे कितना फायदा?
पिछले चुनाव में बसपा ने पश्चिमी यूपी के कई सीटों पर बेहतर प्रदर्शन किया था। अगर गठबंधन होता है तो इसका भी फायदा बीजेपी और बसपा को मिलेगा। साथ ही, ऐसा हुआ तो इस क्षेत्र में आरएलडी का भी खेल खराब हो सकता है। जानकारी के मुताबिक, बसपा के साथ सीटों का तालमेल भी भाजपा नेता ने कर लिया है। साथ ही, पार्टी नेता पिछले चुनाव में बसपा की जीती हुई सीटों को भी देने को तैयार है। बसपा ने पिछले चुनाव में 10 सीटें जीती थीं।
हालांकि, अभी तक बसपा की तरफ से गठबंधन को लेकर किसी भी तरह की आधिकारिक खबर सामने नहीं आई है। लेकिन बीजेपी को उम्मीद है कि यह गठबंधन होगा। बीजेपी नेताओं का मानना है कि अगर लोकसभा में बसपा अकेले चुनाव लड़ती है तो उसकी स्थिति विधानसभा चुनाव जैसी हो जाएगी। पिछले साल हुए यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा को केवल एक सीट मिली थी। साथ ही, बसपा 2007 से ही राजनीतिक संघर्ष कर रही है।
गिरते ग्राफ से परेशान बसपा
2012 में सपा से राज्य में मिली बुरी हार के बाद बसपा 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कुछ खास कमाल नहीं कर पाई। इसके बाद 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में उम्मीद की जा रही थी कि इस बार बसपा बेहतर प्रदर्शन कर राज्य की सत्ता में वापसी करेगी। लेकिन इस चुनाव में भी बीजेपी लहर के चलते बसपा की एक ना चली। लेकिन तीसरी हार के बाद बसपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जबरदस्त वापसी करते हुए 10 सीटों पर अपना कब्जा जमाया।
इसके बाद 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर बसपा ने बहुत बड़ी गलती की। इस चुनाव में बीजेपी और सपा ने बसपा की वोट बैंक में इस कदर सेंधमारी किया कि मायावती की पार्टी राज्य में केवल एक 1 सीट पर सिमट कर रह गई। इस दौरान बसपा का वोट परसेंटेज भी काफी कम हो गया। यूपी के किसी भी चुनाव में बसपा की यह सबसे बड़ी हार है।
खराब हालात और गिरते वोट बैंक के साथ बसपा इस समय यूपी में अकेले नजर आ रही है। अगर यहीं हालात रहे तो बसपा 2024 के चुनाव में अपनी जीती लोकसभा सीटें भी खो देगी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर बसपा 24 के चुनाव में अकेले चुनावी मैदान में उतरती है तो विधानसभा और निकाय चुनाव जैसे हालात हो सकते हैं। बसपा की इसी मुश्किलों को देखते हुए बीजेपी ने उसकी ओर गठबंधन का पासा फेंका है।
Created On :   1 Aug 2023 8:49 PM IST