वन नेशन-वन इलेक्शन: विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होंगे तो काफी पैसों की होगी बचत, सीएम मोहन यादव ने दी प्रतिक्रिया
- वन नेशन-वन इलेक्शन पर सीएम मोहन की प्रतिक्रिया
- 'एक साथ चुनाव होंगे तो काफी पैसों की होगी बचत'
- वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर सियासत गर्म
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लेकर सियासत गर्म है। जिसे लेकर विपक्ष विरोध भी कर रहा है। इस बीच एमपी के सीएम मोहन यादव ने कहा कि देश में एक साथ विधानसभा और लोकसभा चुनाव कराने से काफी लागत राशि बचेगी।
'एक राष्ट्र एक चुनाव' विधेयक पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "हमारे (देश) पहले लोकसभा के चुनाव सभी विधानसभा चुनाव के साथ हुए थे। आज की स्थिति में इसकी (चुनावों की) लागत 30 हजार करोड़ तक पहुंच गई है। फिर भी पूरे साल चुनाव चलते रहते हैं। ऐसे में वन नेशन वन इलेक्शन के तहत चुनाव हो जाने से न केवल लागत की राशि बचेगी बल्कि विकास के लिए भी पूरे 5 साल मिलेंगे। यह अच्छा प्रस्ताव है। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द से जल्द ये बिल पारित होकर हमारे देश में लागू होगा।"
जानें पूरा मामला
केंद्र सरकार ने संसद में मंगलवार को 'एक देश, एक चुनाव' को लेकर 'संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024' और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक 2024 लेकर आई। फिर वोटिंग हुई। इस प्रस्ताव के पक्ष में 269 सांसदों ने वोट किया। वहीं, 198 सांसदों ने विधेयक के विरोध में वोट किया। बिल को लेकर लगातार विपक्ष हमलावर दिखाई दे रहा है।
दो-तिहाई वोटिंग की जरुरत
नियमों के मुताबिक, संविधान में ऐसे संशोधनों को लोकसभा से पारित होने के लिए दो-तिहाई सदस्यों के समर्थन की जरुरत होती है। जिसे आज कांग्रेस ने भी मुद्दा बनाया। कांग्रेस ने आज के दिन को उदाहरण के रूप में लेते हुए बताया कि संविधान संशोधन विधेयक को पेश करने के लिए मतदान में 461 सदस्यों ने हिस्सा लिया। अगर यह विधेयक पारित करने के लिए मतदान होता तो उन 461 में से 307 को इसके पक्ष में मतदान करना पड़ता, लेकिन केवल 269 ने ही मतदान किया। इसके बाद कांग्रेस ने कहा, "इस विधेयक को समर्थन नहीं मिला है। कई दलों ने इसके खिलाफ बोला है। साथ ही, दो तिहाई वोटिंग भी नहीं हुई है। फिर बिल कैसे पास होगा?"
दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत जरूरी
लोकसभा में 543 सीटों हैं। जिसमें एनडीए के पास 292 सीटें हैं। वहीं, इंडिया गठबंधन के पास ऐसे में दो तिहाई बहुमत के लिए 362 का आंकड़ा जरूरी है। वहीं, राज्यसभा की 245 सीटों में एनडीए के पास अभी 112 सीटें हैं, वहीं 6 मनोनीत सांसदों का भी उसे समर्थन है। जबकि विपक्ष के पास 85 सीटें हैं। दो तिहाई बहुमत के लिए राज्यसभा में 164 सीटें जरूरी हैं। केंद्र सरकार इस विधेयक को लेकर आम सहमति बनाना चाहती है। सरकार इस पर चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेज सकती है।
Created On :   17 Dec 2024 9:59 PM IST