उत्तर प्रदेश सियासत: कैसे बन रही है मिल्कीपुर सीट 'नाक' की लड़ाई? समझें बीजेपी और सपा क्यों लगा रही जोर
- 5 फरवरी को मिल्कीपुर सीट पर विधानसभा उपचुनाव
- 8 फरवरी को आएंगे विधानसभा चुनाव के नतीजे
- सीट पर सपा और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर 5 फरवरी को उपचुनाव होने वाले हैं। जिसके लिए सपा और बीजेपी लगातार प्रचार कर रही है। राज्य में इस सीट को लेकर सियासत गर्म है। ऐसे में समझने की कोशिश करते हैं कि बीजेपी और सपा के लिए यह सीट 'नाक' की लड़ाई क्यों बन गई है।
मिल्कीपुर सीट पर कांटे की टक्कर
उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए बीजेपी की ओर से चंद्रभान पासवान चुनाव लड़ रहे हैं। जिनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के अजीत प्रसाद से है। सीधा मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच है। आपको बता दें, यहां कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी को समर्थन किया है, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने उपचुनाव लड़ने से दूरी बना ली है। बीजेपी अपनी साख बचाने के लिए मिल्कीपुर सीट नहीं गंवाना चाहती। बीजेपी ने मिल्कीपुर में पूरी ताकत लगा दी है।
बीजेपी के लिए नाक की लड़ाई
अयोध्या जिले की फैजाबाद लोकसभा सीट हारने के बाद बीजेपी मिल्कीपुर सीट को किसी भी सूरत में नहीं गंवाना चाहती है, जिसके लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है। इसके बावजूद मिल्कीपुर सीट के उपचुनाव का ट्रेंड बीजेपी लिए सियासी टेंशन का सबब बना हुआ है।
अयोध्या जिले की फैजाबाद से सपा के अवधेश प्रसाद के लोकसभा में निर्वाचित होने के बाद ये सीट खाली हुई थी, जिस पर अब चुनाव हो रहा है। 2022 में मिल्कीपुर विधानसभा सीट से सपा के अवधेश प्रसाद विधायक चुने गए थे। सपा ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को ही उपचुनाव में उतारा है। मुकाबले को रोचक बनाने के लिए बीजेपी ने चंद्रभान पासवान को चुनावी जंग में उतारा है। दोनों ही उम्मीदवार एक ही समुदाय पासी से आते हैं।
Created On :   22 Jan 2025 1:57 AM IST