MP में सीएम फेस कौन?: मौजूदा सांसदों को टिकट देकर क्या बीजेपी ने बढ़ा ली हैं अपनी ही मुश्किलें, जीत से पहले शुरू हुई सीएम पद की रेस!
- मध्य प्रदेश चुनाव के लिए बीजेपी ने जारी की दूसरी लिस्ट
- लिस्ट जारी होने के बाद सीएम फेस को लेकर अटकले हुई तेज!
- कौन होगा बीजेपी की ओर से मध्य प्रदेश का सीएम उम्मीदवार?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 28 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। देर रात सोमवार को बीजेपी ने आगामी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर विपक्षी पार्टियों को चौंका दिया। सूची में पार्टी ने राज्य के 25 फीसदी सीटिंग सांसद यानी 28 में से कुल 7 सांसदों को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया है। सूची में खास बात ये है कि इनमें तीन केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। पहली नजर में बीजेपी के प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट को देखकर लोगों ने असली मानने से इनकार कर दिया था, बाद में पार्टी ने इसकी आधिकारिक पुष्टि की है। जिसके बाद से मध्य प्रदेश की सियासत में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
सूची को लेकर विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी पर हमला बोलना शुरू कर दिया है, RJD सांसद मनोज झा ने सूची को लेकर कहा, "भाजपा के लिए मध्य प्रदेश में कुछ चीज़ें मरम्मत के परे हो चुकी हैं। जिन मंत्रियों के नाम सूची में हैं उन्होंने शायद सपनों में भी नहीं सोचा होगा की उनके नाम सूची में होंगे। अगर सूची देखेंगे तो 5-6 मुख्यमंत्री उम्मीदवार तो सूची में दिख जाएंगे। जमीनी हकीकत बता रही है कि भाजपा का कोई भी फॉर्मूला सफल नहीं हो रहा है।
सीएम उम्मीदवार की रेस में तकरार
बीजेपी प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी होने के बाद ये माना जा रहा है कि जिन सांसदों को पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया है, उनमें शामिल तीन केंद्रीय मंत्री और एक पार्टी महासचिव को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार के तौर पर देखा जा रहा हैं, तीन मंत्रियों में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम सबसे ऊपर है। इसके अलावा अमित शाह के राइट हैंड माने जाने वाले कैलाश विजयवर्गीय भी इस बार चुनावी मैदान में है, इनके समर्थक भी सीएम चेहरे के रूप में मान रहे है। सांसदों में शामिल गणेश सिंह, रीति पाठक और उदय प्रताप सिंह को भी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार घोषित किया है। ये जितने भी चेहरे हैं, वह राज्य की सियासत में भले ही कम सक्रिय नजर आते हो। लेकिन, इनके राजनीति दबदबे को दरकिनार नहीं किया जा सकता है।
ऐसे में माना जा रहा है कि क्या प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की भूमिका बदल सकती है। सीएम शिवराज पिछले 18 सालों से बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री रहे हैं। अगर पार्टी सीएम की कुर्सी पर किसी दूसरे को लाना चाहती है तो ऐसे में सीएम शिवराज की आने वाले दिनों में क्या भूमिका रहेगी? यह भी बड़ा सवाल है।
क्यों लग रही हैं सीएम बदलने की अटकलें?
बता दें कि, कई दफा बीजेपी अपने पांच साल के कार्यकाल को पूरा करने से पहले सीएम फेस बदल चुकी है। इसे अब पार्टी की पुरानी परंपरा के तौर पर माना जाने लगा है। उत्तराखंड, त्रिपुरा और गुजरात में पार्टी इसी फॉर्मूले के तहत काम कर चुकी है। इन तीन राज्यों में चुनाव से पहले पार्टी ने एंटी इन्कमबेंसी के चलते सीएम बदले लेकिन मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ खुलकर इतनी एंटी इन्कमबेंसी दिखाई नहीं दे रही है जिसके चलते पार्टी ने उन्हें सीएम बरकरार रखा है। दूसरी वजह ये भी है कि मध्यप्रदेश में कार्यकर्ताओं में और अलग अलग स्तर के राजनेताओं में जमकर नाराजगी है। चेहरा बदलने से ये नाराजगी भारी भी पड़ सकती थी। जिस वजह से पार्टी ने यथास्थिति कायम रखी बस पीएम मोदी के फेस को आगे कर दिया। तीसरा मुद्दा ये है कि पिछले 20 साल से शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की सियासत में बने हुए हैं। उनके सामने मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। लेकिन दूसरी लिस्ट को देखकर विधानसभा चुनाव में अलग समीकरण बनते हुए दिखाई दे रहे हैं।
किस सांसद को कहां से उम्मीदवार बनाया गया
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी विधानसभा सीट से टिकट मिला है। इसके अलावा बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को नरसिंहपुर विधानसभा सीट, सतना से सांसद गणेश सिंह सतना सीट, सीधी से सांसद रीति पाठक सीधी विधानसभा सीट, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को निवास विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। गाडरवारा से होशंगाबाद के सांसद उदय प्रताप सिंह को भी टिकट मिला है। वे इस बार अपने स्थानीय विधानसभा क्षेत्र गाडरवारा से चुनाव लड़ते नजर आएंगे।
Created On :   26 Sept 2023 7:48 PM IST