मनमोहन सिंह निधन: 'मैंने आज एक गुरु और मार्गदर्शक खो दिया..', राहुल गांधी का इमोशनल पोस्ट
- मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में हुआ निधन
- एम्स में ली अंतिम सांस
- राहुल ने सोशल मीडिया पर किया भावुक पोस्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया। उन्होंने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें एम्स के इमरजेंसी वार्ड में एडमिट थे। उनके निधन पर राहुल गांधी शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "मनमोहन सिंह जी ने अपार ज्ञान और निष्ठा के साथ भारत का नेतृत्व किया। उनकी विनम्रता और अर्थशास्त्र की गहरी समझ ने राष्ट्र को प्रेरित किया। श्रीमती कौर और उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मैंने एक गुरु और मार्गदर्शक खो दिया है. हममें से लाखों लोग जो उनकी प्रशंसा करते थे, उन्हें अत्यंत गर्व के साथ याद करेंगे।"
देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह आज को दिल्ली एम्स में उन्हें भर्ती कराया गया था। 92 साल के सिंह को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में एमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा दिल्ली के एम्स पहुंच गई हैं। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे आज रात ही कर्नाटक से दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
दो बार बने थे प्रधानमंत्री
डॉ. मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 के बीच भारत के पीएम रहे। उन्होंने कांग्रेस के UPA 1 और UPA 2 सरकार का नेतृत्व किया था। इससे पहले वह देश के वित्त मंत्री और वित्त सचिव पद पर भी रहे थे। उन्होंने नरसिम्हा राव सरकार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस दौरान उन्होंने LPG लागू करने में अहम भूमिका निभाई थी।
भारत के 14वें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने एक दशक से अधिक समय तक अभूतपूर्व वृद्धि और विकास का नेतृत्व किया। डॉ. सिंह के नेतृत्व में भारत ने अपने इतिहास में सबसे अधिक वृद्धि दर देखी, जो औसतन 7.7% रही और लगभग दो ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गई।
1991-1996 के बीच वित्त मंत्री रहे
डॉ. सिंह 1991 से राज्यसभा के सदस्य हैं, जहां वे 1998-2004 तक विपक्ष के नेता रहे। 2004 और 2009 में कांग्रेस पार्टी की ऐतिहासिक जीत के बाद, उन्होंने 22 मई, 2004 और फिर 22 मई, 2009 को प्रधानमंत्री का पद संभाला था। भारतीय राजनीति में उनकी शुरुआत 1991-1996 के वित्त मंत्री के रूप में हुई। जब पहली बार उनकी राजनीतिक पटकथा आकार लेने लगी। जुलाई 1991 में, डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने बजट भाषण का समापन इन शब्दों के साथ किया, "दुनिया की कोई भी ताकत उस विचार को नहीं रोक सकती जिसका समय आ गया है। मैं इस सम्मानित सदन को सुझाव देता हूं कि दुनिया में एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में भारत का उदय एक ऐसा ही विचार है।"
Created On :   27 Dec 2024 12:01 AM IST