पेश करने होंगे सबूत: जयराम रमेश से इलेक्शन कमीशन ने मांगा जवाब, अमित शाह के खिलाफ 150 अफसरों को धमकी देने का लगाया था आरोप

जयराम रमेश से इलेक्शन कमीशन ने मांगा जवाब, अमित शाह के खिलाफ 150 अफसरों को धमकी देने का लगाया था आरोप
  • इलेक्शन कमीशन ने सोमवार शाम तक मांगा जवाब
  • अमित शाह ने 150 अफसरों को दी धमकी- जयराम रमेश
  • इलेक्शन कमीशन से जयराम रमेश ने एक सप्ताह का मांगा वक्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश को चुनाव आयोग से सोमवार को बड़ा झटका लगा। साथ ही, चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को अमित शाह के खिलाफ लगाए गए अपने आरोपों को सोमवार शाम 7 बजे के भीतर पेश करने को कहा है। इधर, जयराम रमेश ने इलेक्शन कमीशन से एक सप्ताह का समय मांगा है। लेकिन अब उन्हें आज शाम ही सबूत पेश करने होंगे। रविवार उन्होंने आरोप लगाया था कि लोकसभा चुनाव के मतदान समाप्त होने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देशभर के 150 जिलाधिकारियों को फोन किया था।

जयराम रमेश का आरोप

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ''निवर्तमान गृह मंत्री आज सुबह से जिला कलेक्टर से फोन पर बात कर रहे हैं। अब तक 150 अफसरों से बात हो चुकी है। अफसरों को इस तरह से खुल्लमखुल्ला धमकाने की कोशिश निहायत ही शर्मनाक है एवं अस्वीकार्य है। याद रखिए कि लोकतंत्र जनादेश से चलता है, धमकियों से नहीं। जून 4 को जनादेश के अनुसार नरेंद्र मोदी, अमित शाह और बीजेपी सत्ता से बाहर होंगे एवं INDIA विजयी होगा। अफसरों को किसी प्रकार के दबाव में नहीं आना चाहिए व संविधान की रक्षा करनी चाहिए। वे निगरानी में हैं।'' मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जयराम रमेश के आरोपों कहा था कि अफवाह फैलाना या फिर हर किसी पर शक करना सही बात नहीं है।

इलेक्शन कमीशन ने क्या कहा?

मतगणना से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, "क्या कोई उन सभी (जिला मजिस्ट्रेट/रिटर्निंग ऑफिसर) को प्रभावित कर सकता है? हमें बताएं कि यह किसने किया। हम उस व्यक्ति को सजा देंगे, जिसने ऐसा किया। यह सही नहीं है कि आप अफवाह फैलाएं और हर किसी पर शक करें।"

गौरतलब है कि रविवार को जयराम रमेश ने ट्विटर के जरिए अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद इलेक्शन कमीशन ने जयराम रमेश के लगाए गए आरोपों पर पूरी जानकारी मांगी थी। ईसीआई ने कहा था, "वोटों की गिनती की प्रक्रिया हर आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) का एक कर्तव्य है। एक वरिष्ठ, जिम्मेदार और अनुभवी नेता की ओर से इस तरह से सार्वजनिक बयान देकर शक पैदा करने की स्थिति नहीं पैदा करनी चाहिए। जनहित को ध्यान में रखते हुए उन्हें इस पर ध्यान रखना चाहिए।"

Created On :   3 Jun 2024 5:51 PM IST

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