दिल्ली ऑर्डिनेंस बिल कल संसद में होगा पेश, केंद्र सरकार को केजरीवाल से चुनौती मिलने की उम्मीद बरकरार

दिल्ली ऑर्डिनेंस बिल कल संसद में होगा पेश, केंद्र सरकार को केजरीवाल से चुनौती मिलने की उम्मीद बरकरार
  • दिल्ली ऑर्डिनेंस बिल कल संसद में होगा पेश
  • कल फिर संसद में हो सकता है हंगामा
  • बीजेपी को विपक्ष से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद बरकरार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मॉनसून सत्र के दौरान दोनों सदनों में हंगामे का दौर जारी है। इस बीच केंद्र सरकार सोमवार को दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश बिल लोकसभा में पेश करने वाली है। जहां एक तरह आम आदमी पार्टी के नेता इस बिल का विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मोदी कैबिनेट इस बिल पर पहले ही अपना मुहर लगा चुकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि कल भी सदन हंगामे की भेट चढ़ सकता है।

जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) बिल पर मंगलवार को ही मंजूरी दे दी थी। यह बिल 19 मई को केंद्र सरकार द्वारा लाया गया था, जो अब कानून की शक्ल लेने वाला है। 'आप' नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेता केंद्र सरकार के इस अध्यादेश का कड़ा विरोध कर रहे हैं।

कल का दिन बेहद खास

केंद्र द्वारा जारी किए गए अध्यादेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्रधिकरण नाम से एक प्राधिकरण होगा, जो उसे दी गई शक्तियों और जिम्मेदारियों का उपयोग व निर्वहन करेगा। बता दें कि, इस अध्यादेश को लाने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में तबादलों और नियुक्तियों से जुड़े मामलों में निर्णय की शक्तियां दिल्ली सरकार को दी गई थीं।

केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश जारी होने के बाद आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। फिलहाल, कोर्ट ने इस मामले को 5 जजों की संविधान पीठ को सौंप दिया है। अरविंद केजरीवाल इस बिल के विरोध करने के लिए लगातार विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर यह बिल पास हो जाता है तो दिल्ली की सारी शक्तियां केंद्र सरकार के पास चली जाएगी। केजरीवाल का मानना है कि अगर इस अध्यादेश को पास होने से नहीं रोका गया तो आने वाले समय में यह बिल गैर बीजेपी शासित राज्यों में भी लागू होगा।

केजरीवाल के सामने अंतिम विकल्प

गौरतलब है कि, सीएम केजरीवाल संसद में इस बिल का विरोध करने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन सहित कांग्रेस के अलग-अलग नेताओं से मांग की है। हालांकि, ये सभी नेताओं ने केजरीवाल को समर्थन देने की भी बात कही है। केजरीवाल जानते हैं कि लोकसभा में बीजेपी इस बिल को आसानी से पास कर लेगी। लेकिन राज्यसभा में वे अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बीजेपी को कड़ी टक्कर देकर बिल को पास होने से रोक सकते हैं।

Created On :   30 July 2023 11:33 PM IST

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