मुकदमा चर्चा और फटकार: दिल्ली हाईकोर्ट ने टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा और उनके एक्स-पार्टनर जय अनंत देहाद्राई को लगाई फटकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा और उनके एक्स-पार्टनर जय अनंत देहाद्राई को लगाई फटकार
  • महुआ मोइत्रा से की है 2 करोड़ हर्जाने की मांग
  • जय अनंत देहाद्राई को भी मिली कोर्ट की चेतावनी
  • हाईकोर्ट ने दी महुआ को चेतावनी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा और उनके एक्स-पार्टनर सुप्रीम कोर्ट में वकील जय अनंत देहाद्राई को फटकार लगाई। दोनों एक-दूसरे के खिलाफ अपने आरोपों पर सार्वजनिक चर्चा को बेहद ही निचले स्तर पर लाने का काम किया है। देहाद्राई की तरफ से महुआ मोइत्रा के खिलाफ हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया है, जिस पर जस्टिस प्रतीक जालान की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की। कोर्ट ने आगे कहा है कि अगर देहाद्राई केस दर्ज करने के बावजूद भी सार्वजनिक तौर पर महुआ के खिलाफ आरोप लगाना जारी रखते हैं तो टीएमसी नेता खुद का बचाव करने के लिए जगह देनी होगी। न्यायालय में मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी।

अदालत ने साफ कहा यहां बात किसी को निषेधाज्ञा देने की नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों के वकीलों से कहा कि उन्हें अपने मुवक्किलों को सावधान रहने के लिए कहना चाहिए। निषेधाज्ञा का मतलब उस अस्थायी आदेश से है, जो किसी मामले में आधिकारिक फैसला आने तक कुछ करने या न करने को कहता है।

एबीपी न्यूज के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ ने सुनवाई में कहा कि महुआ मोइत्रा और जय अनंत देहाद्राई के बीच चल रही सार्वजनिक लड़ाई दोनों को सही नहीं दिखा रही है। कोर्ट ने टीएमसी नेता महुआ को सावधान रहने को कहा गया है। अगर उन्होंने कोई झूठा बयान दिया तो उनके खिलाफ निषेधाज्ञा लागू कर दी जाएगी। कोर्ट ने ये भी कहा अगर महुआ के खिलाफ आरोप सार्वजनिक डोमेन में लगते हैं, तो उन्हें अपना बचाव करने का अधिकार है। कोर्ट ने देहाद्राई के वकील से कहा आपने सार्वजनिक बयान दिए जिससे महुआ को अपना बचाव करने का मौका मिला। और आपको निषेधाज्ञा हासिल करने में परेशानी का सामना करना पड़ा।

देहाद्राई ने महुआ पर लोकसभा में सवाल पूछने के बदले एक बिजनेसमैन से कैश और गिफ्ट लेने का आरोप लगाया हैं। टीएमसी सांसद महुआ पहले तो आरोपों को झूठा कह रही थी। फिर देहाद्रोई को लेकर अपमानजनक और मानहानि वाली बातें कीं। याचिका में कहा गया है कि मोइत्रा ने देहाद्राई को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में दिखाया है, जो एक खराब रिलेशनशिप की वजह से गुस्सा गया है और अब बदला लेने के लिए झूठी शिकायतें दर्ज करवा रहा है। देहाद्राई महुआ को उनके खिलाफ अपमानजनक बयान देने से रोकने और हर्जाने के तौर पर 2 करोड़ रुपये देने के लिए अदालत से अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग कर रहे है।

Created On :   9 April 2024 9:16 AM IST

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