मंत्री पर भारी सेक्रेटरी, CS को सरकार के फैसले बदलने की ताकत, हाथ से फिसले सारे बोर्ड- नए अध्यादेश पर फूटा केजरीवाल का दर्द

मंत्री पर भारी सेक्रेटरी, CS को सरकार के फैसले बदलने की ताकत, हाथ से फिसले सारे बोर्ड- नए अध्यादेश पर फूटा केजरीवाल का दर्द
नए अध्यादेश पर फूटा केजरीवाल का दर्द

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार को ऐतिहासिक झटका लगने वाला है। जिसकी पुष्टि आज (बुधवार) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जो नया अध्यादेश ला रही है उसमें ना केवल सुप्रीम कोर्ट के ट्रांसफर-पोस्टिंग वाले फैसले को बदला गया है बल्कि इस अध्यादेश से दिल्ली सरकार को लगभग खत्म कर दिया जायेगा। सीएम केजरीवाल ने कहा कि वे केंद्र के अध्यादेश को जितना ज्यादा पढ़ रहे हैं उतनी ही नई बातें उनके सामने निकलकर आ रही है। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार जो अध्यादेश लाई है उसमें सेक्रेट्री को मंत्री का बॉस बना दिया गया है। साथ ही चीफ सेक्रेट्री को कैबिनेट के फैसले को कानूनी या गैर-कानूनी बताने का भी अधिकार दे दिया गया है। आज दिल्ली में सीपीआई महासचिव डी.राजा से केजरीवाल ने राज्यसभा में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ वोटिंग करने पर उनका आभार जताया।

'सेक्रेट्री को मंत्री का बॉस बना दिया गया है'- केजरीवाल

केजरीवाल ने साफ कहा कि दिल्ली सरकार पर एक प्रयोग किया गया है, जिसे अभी नहीं रोका गया तो आने वाले दिनों में यह गैर भाजपाई राज्यों में भी ऐसा ही अध्यादेश लागू होगा। उन्होंने 140 करोड़ जनता से अपील की है कि वे इस अध्यादेश का विरोध करें। आप नेता केजरीवाल ने कहा कि केंद्र के कुछ प्रवाधान अभी जनता के सामने नहीं आए हैं। केंद्र सरकार ने न केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश को खारिज किया है बल्कि इसमें तीन और ऐसे प्रवधान जोड़े गए हैं जिससे दिल्ली सरकार लगभग खत्म हो जाती है। केंद्र सरकार के अध्यादेश के बारे में जानकारी देते हुए अरविंद केजरीवाल ने आज बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा,'अध्यादेश में लिखा हुआ है कि यदि कोई मंत्री अपने सेक्रेट्री को आदेश देगा तो सेक्रेट्री डिसाइड करेगा कि मंत्री का आदेश लीगली सही है या फिर नहीं। ऐसे में यदि सेक्रेट्री को लगता है कि मंत्री का आदेश लीगली ठीक नहीं तो फिर वह मंत्री का आदेश मानने से इनकार कर सकता है। यह दुनिया में पहली बार हुआ है जब सेक्रेट्री को मंत्री का बॉस बना दिया।'

मुश्किल में केजरीवाल

केजरीवाल ने इसके बारे में दो उदाहरण देते हुए कहा, 'यह पिछले हफ्ते दिल्ली सरकार में हुआ है। जब विजिलेंस सेक्रेट्री को सौरभ भारद्वाज ने वर्क ऑर्डर दिया। तब विजिलेंस सेक्रेट्री ने खुद को दिल्ली सरकार में इंडिपेंडेंट अथॉरिटी के रूप में घोषित कर दिया। वह कह रहा है कि इस अध्यादेश के बाद मैं ना तो चुनी हुई सरकार के प्रति जवाबदेह हूं और एलजी के प्रति जवाबदेह में अथॉरिटी के जरिए जवाहदेह हूं जो अध्यादेश बनाया गया है। उन्होंने अध्यादेश के एक और केस का उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली के अंदर एक जगह झुग्गियां टूटीं थी। तब दिल्ली सरकार की ओर से जो वकील था उसने हमारी तरफ से कमजोर दलीलें दीं। तब हमें ऐसा लगा कि हमारा वकील दूसरी पार्टी से मिला हुआ है। इसके बाद हमारे मंत्री ने आदेश दिया कि अगली सुनावाई में हमें कोई अच्छा सीनियर और नया वकील चाहिए। तब सेक्रेट्री लिखती हैं कि वकील हायर करने का अधिकार सेक्रेट्री का है। अब मंत्री आदेश नहीं दे सकता है, कौन वकील लीगल है, यह फैसला वह करेगी। इसके बाद सेक्रेट्री लिखती हैं कि आपका आदेश गैरकानूनी है। ऐसे में हम काम कैसे कर पाएंगे? अब तो हर सेक्रेटी तय कर रहा है कि दिल्ली सरकार का कौन सा आदेश कानूनी है और कौन सा आदेश गैरकानूनी है। अब हर सेक्रेट्री सुप्रीम कोर्ट का जज बना फिर रहा है।

'कैबिनेट का फैसला चीफ सेक्रेट्री तय करेगा' -केजरीवाल

आज अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार के अध्यादेश पर जमकर बरसे। उन्होंने एक अन्य प्रावधान का जिक्र करते हुए कहा कि अब चीफ सेक्रेट्री को पावर दे दिया गया है कि वह डिसाइड करेगा कि कैबिनेट का कौन सा फैसला कानूनी है और कौन सा फैसला गैर कानूनी है। केजरीवाल ने कहा, 'कैबिनेट सुप्रीम भूमिका में होती है। जिस तरह देश की कैबिनेट सुप्रीम है, उसी तरह राज्य में राज्य सरकार की कैबिनेट सुप्रीम होती है। लेकिन दिल्ली सरकार में यह फैसला दे दिया गया है कि अब चीफ सेक्रेट्री तय करेगा कि कैबिनेट का फैसला सही या नहीं। अगर चीफ सेक्रेटी को लगता है कि कोई फैसला गैरकानूनी है तो वह एलजी को फाइल रेफर करेगा और एलजी को पावर दे दिया गया है कि वह कैबिनेट के फैसले को पलट सकता है। आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ है। दिल्ली में मंत्री के ऊपर सेकेट्री और कैबिनेट के ऊपर चीफ सेक्रेट्री को बैठा दिया गया है।

केजरीवाल के हाथों से गई ये सारी बोर्ड

केजरीवाल ने बताया कि अब केंद्र सरकार ही दिल्ली की कमीशन और बोर्ड का गठन करेगी। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि अगर ऐसा होगा तो दिल्ली सरकार क्या करेगी। फिर केजरीवाल ने एक अन्य प्रावधान का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार में अब जितने कमीशन, बोर्ड हैं उनका गठन अब केंद्र के हाथों में चला गया है। जैसे दिल्ली जल बोर्ड का गठन अब केंद्र सरकार करेगी तो वह (केंद्र) चलाएंगे वॉटर सेक्टर, दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन का गठन केंद्र सरकार करेंगी तो वे (केंद्र) चालएंगे ट्रांसपोर्ट सेक्टर। इन सभी के अलावा 50 से ज्यादा कमीशन का गठन केंद्र सरकार करेगी तो दिल्ली सरकार क्या करेगी। फिर आप (केंद्र सरकार) चुनाव कराते ही क्यों हो। केजरीवाल ने कहा यह बहुत खतरनाक अध्यादेश है। अध्यादेश के पढ़ने के बाद ऐसा लगा रहा है कि यह गलत नीयत के साथ बनाया गया है।

Created On :   14 Jun 2023 5:46 PM IST

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