भास्कर एक्सक्लूसिव: दिल्ली की वो 15 सीटें जिन पर बीजेपी, कांग्रेस और AAP की नजर, यहां हार-जीत का अंतर 10 हजार वोटों से भी कम

दिल्ली की वो 15 सीटें जिन पर बीजेपी, कांग्रेस और AAP की नजर, यहां हार-जीत का अंतर 10 हजार वोटों से भी कम
  • 5 फरवरी को होंगे दिल्ली में विधानसभा चुनाव
  • 8 फरवरी को आएंगे दिल्ली चुनाव के नतीजे
  • राज्य में बीजेपी, कांग्रेस और AAP के बीच टक्कर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चनाव को लेकर सियासत गर्म है। राज्य में बीजेपी, आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर नजर आ रही है। पिछले दो चुनाव में 'आप' ने शानदार जीत हासिल की है। बीजेपी इन दोनों चुनाव में कुछ खास कमाल नहीं कर पाई। वहीं, कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन को तलाशने में जुटी हुई है। साल 2015 और 2020 के चुनाव में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल पाया था। ऐसे में कांग्रेस दिल्ली की राजनीति में फिर से पैर जमाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए पार्टी इस बार कई रैलियां भी कर रही है।

15 सीटों पर तीनों पार्टियों की नजर

तीनों पार्टी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कम वोटों के अंतर वाली सीटों पर ज्यादा ताकत लगा रही हैं। पिछली बार के चुनाव में 15 सीटें ऐसी रही जहां हार-जीत का अंतर 10 हजार वोटों से कम रहा। राज्य में 'आप', बीजेपी और कांग्रेस अपनी स्थिति मजूबत करने के लिए उन सीटों पर दमदार प्रचार कर रही है जहां जीत-हार का अंतर कम है। पिछले चुनाव में 15 ऐसी सीटें थीं जहां जीत का अंतर 10,000 वोटों से कम था। वहीं, 26 सीटों पर जीत का अंतर 10,001 से 20,000 वोटों के बीच था।

इन सीटों पर भी रहेगी नजर

इसके अलावा 14 सीटों पर जीत का अंतर 20,001 से 30,000 वोटों के बीच था। बता दें कि, पिछले चुनाव में 15 सीटों पर 'आप' ने शानदार प्रदर्शन किया। यहां 'आप' उम्मीदवार को अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से 30 हजार वोट अधिक मिले। साथ ही, इन सभी 15 सीटों पर 'आप' ने जीत हासिल की।

2015 का दिल्ली चुनाव

साल 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव में 'आप' को 70 में से 67 सीटें मिली थीं। वहीं, पार्टी का वोट शेयर 54.6 फीसदी रहा। वहीं, बीजेपी ने इस चुनाव में केवल 3 सीटों पर जीत हासिल की। जिसमें पार्टी का वोट शेयर 32.8 फीसदी रहा।

2020 में कैसा रहा हाल

इसके बाद साल 2020 के दिल्ली चुनाव में भी 'आप' का शानदार प्रदर्शन जारी रहा। इस चुनाव में 'आप' को 62 सीटों पर जीत मिली। तब पार्टी का वोट शेयर थोड़ा कम होकर 53.6 फीसदी रह गया था। वहीं, बीजेपी के खाते में 8 सीटें मिलीं। साथ ही, पार्टी का वोट शेयर बढ़कर 38.5 फीसदी हो गया। हालांकि, बीजेपी ने 2013 के चुनाव में 32 सीटें हासिल की थी।

दोनों चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह फेल

साल 2015 और 2020 के चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह फेल रही है। राज्य में दोनों ही चुनाव में पार्टी को एक भी सीट हासिल नहीं हुई। हालांकि, साल 1998 से 2013 तक राज्य में कांग्रेस की सरकार रही है। 2008 में 43 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 2013 में 24.6% वोट शेयर के साथ 8 सीटों पर सिमट गई। इसके बाद आज तक पार्टी दिल्ली में खाते खोलने की तरस रही है।

Created On :   23 Jan 2025 5:06 PM IST

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