विधानसभा चुनाव 2023: MP चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन में दरार, कांग्रेस के सामने बेहतरीन विकल्प
- अगले माह एमपी में होगा चुनाव
- बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की सत्ता से बीजेपी को बेदखल करने के लिए बनाई गई विपक्षी दलों की इंडिया गठबंधन में दरार बढ़ती ही जा रही है। ताजा मामला अखिलेश यादव और कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। हालांकि, दोनों के बीच लंबे से जुबानी जंग जारी है। पहले उम्मीद की जा रही थी कि यह जुबानी जंग दोनों दलों के गठबंधन में शामिल होने के बाद खत्म हो जाएगी, लेकिन दोनों के बीच अभी भी तकरार जारी है।
हाल ही कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। कांग्रेस ने यहां पर बिजावर सीट से अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। इस सीट पर पिछले चुनाव में सपा के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी। यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी का नाम देखने के बाद से ही अखिलेश यादव और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।
मध्य प्रदेश में दोनों दलों के बीच गठबंधन की बात तो जरूर हुई थी। लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर मामला अटक गया। इसके बाद समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के बारे में कांग्रेस को तय करना है कि ये गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर होगा या प्रदेश स्तर पर। अगर अभी प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं हुआ तो भविष्य में भी ऐसा नहीं होगा।” अखिलेश के बयान पर जवाब देते हिए उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “मध्य प्रदेश का वोटर 'हाथ का पंजा' जानता है, साइकिल को नहीं। वहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही चुनावी मुकाबला होता है। सपा को तो एमपी में कांग्रेस का समर्थन करना चाहिए।”
कांग्रेस के सामने परेशानी
इधर, आम आदमी पार्टी भी मध्य प्रदेश में लगातार अपने उम्मीदवारों को उतार रहा है। मध्य प्रदेश में 'आप' की सुगबुगाहट नगरीय निकाय चुनाव में दिखाई देने लगी थी। लेकिन पिछले साल दिसंबर माह में 'आप' के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया कि पार्टी मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने वाली है। ऐसे में मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बीजेपी और अपने सहयोगी साथी 'सपा' और 'आप' से भी लड़ना पड़ रहा है। इधर, आदिवासी सीट पर बहन मायावती की बहुजन समाज पार्टी भी कांग्रेस का खेल खराब करने के लिए तैयार बैठी है।
कांग्रेस के सामने विकल्प
चुनावी समर में कांग्रेस लगातार मध्य प्रदेश में स्थानीय नेताओं पर दांव खेल रही है। इसी साल कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने स्थानीय नेता को आगे लाकर बीजेपी को पटखनी दी है। ऐसे में पार्टी की कोशिश है कि स्थानीय मुद्दे के साथ ही चुनाव लड़ा जाए। अगर स्थानीय मुद्दा हाबी होता है तो यहां पर सपा, बसपा और 'आप' कांग्रेस को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगी। क्योंकि, यहां पर कुछ जगहों को छोड़ दे तो ये सभी पार्टी कांग्रेस को उतना ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाएगी।
Created On :   19 Oct 2023 6:29 PM IST