लोकसभा चुनाव 2024: जानिए क्या है 'न्याय' योजना? जिसके जरिए 5 साल बाद दोबारा वोटरों को लुभाने की तैयारी कर रही कांग्रेस

जानिए क्या है न्याय योजना? जिसके जरिए 5 साल बाद दोबारा वोटरों को लुभाने की तैयारी कर रही कांग्रेस
  • पिछले चुनाव की गलतियों से कांग्रेस ने लिया सबक
  • सरकार बनने पर लागू होगी न्याय योजना
  • चुनावी थीम बनाने की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव होने में बस अब कुछ ही महीनों का समय बचा है। ऐसे में इस चुनावी महासंग्राम में उतरने के लिए कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। सत्ताधारी बीजेपी को घेरने से लेकर वोटरों को लुभाने तक कांग्रेस हर मोर्चे पर खुद को मजबूत करने की कोशिश में लगी हुई है। महिला वोटरों को लुभाने के लिए कांग्रेस ने सरकार बनने पर न्याय योजना लागू करने का ऐलान किया है। बता दें कि कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में भी इस योजना का ऐलान किया था। हालांकि, उस समय इस योजना का ऐलान करने में पार्टी ने देरी कर दी थी जिस वजह से आम जनता तक इस योजना का प्रचार-प्रसार सही ढंग नहीं हो पाया था।

पार्टी नेताओं का मानना है कि पिछले लोकसभा चुनाव में इस योजना के ऐलान में देरी के चलते पार्टी को चुनाव में काफी नुकसान उठाना पड़ा था। अपनी इस गलती से सीख लेते हुए कांग्रेस ने इस बार सत्ता में आने पर न्याय योजना को लागू करने की घोषणा अभी से कर दी है। इतना ही नहीं कांग्रेस इस योजना को अपने चुनावी कैंपेन की थीम बनाने में भी जुटी हुई है। इन्हीं कोशिशों के तहत कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा पार्ट-2 का नाम न्याय यात्रा रखने का भी फैसला लिया है।

क्या है न्याय योजना?

इस योजना का ऐलान 28 दिसंबर को कांग्रेस के स्थापना दिवस पर नागपुर में आयोजित हुई 'हैं तैयार हम' रैली के दौरान किया गया था। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस योजना का ऐलान करते हुए कहा था कि, यदि हम सत्ता में आते हैं तो इस योजना को लागू करेंगे। राजनीतिक विश्लेष्क कांग्रेस की इस योजना को पीएम किसान सम्मान निधि और मध्यप्रदेश की लाडली बहना योजना के काट के रूप में देख रहे हैं। बता दें कि इस योजना में महिलाओं को सालाना कम से कम 60 से 70 हजार रूपये देने की बात कही गई है। 2019 के घोषणापत्र में कांग्रेस ने इस योजना के तहत देश की गरीब महिलाओं को हर महीने 6 हजार के हिसाब से सालाना 72 हजार रूपये देने का ऐलान किया था। न्याय योजना के अंतर्गत देश के 5 करोड़ सबसे गरीब परिवारों को शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया था। एक्सपर्ट का कहना है कि यह योजना देश की महिला वोटरों को साधने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

नोबेल विजेता अर्थशास्त्री ने भी किया था समर्थन

तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने साल 2019 में बेसिक इनकम का कॉन्सेप्ट दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में न्याय योजना को शामिल किया था जिसे केंद्र और राज्य सरकार के गठजोड़ से चलाने की बात कही गई थी। भारतीय मूल के नोबेल पुरस्कार विजेता प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने भी उस दौरान इस योजना का समर्थन किया था। उनके अलावा भी कई अन्य अर्थशास्त्रियों ने भी इस योजना को बेहतर बताया था। इस योजना को मिनिमम इनकम सपोर्ट प्रोग्राम नाम से भी प्रमोट किया गया था।

न्याय को चुनावी थीम बनाने की जुगत में कांग्रेस

राजनैतिक विश्लेष्कों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के चुनावी रणनीतिकार इस बार किसी भी मोर्चे पर चूक नहीं करना चाहते हैं। पिछली बार की गलती से सीख लेते हुए पार्टी ने इस बार न्याय योजना की घोषणा चुनाव से काफी पहले कर दी है ताकि इस स्कीम के जरिए जनसमर्थन जुटाया जा सके। चुनावी रणनीति के तहत ही कांग्रेस पार्टी ने भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे पार्ट का नाम न्याय यात्रा रखा है। पार्टी न्याय को चुनावी स्लोगन बनाते हुए नजर आ रही है क्योंकि इसी के नाम पर जाति गणना और आराक्षण बढ़ाने को लेकर कांग्रेस आगे बढ़ते दिख रही है।

Created On :   1 Jan 2024 10:09 PM IST

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