DMK MP Attack On Central Govt: DMK सांसद ए राजा ने बताया क्यों माने जा सकते हैं अलगाववादी? केंद्र सरकार की तीन भाषा नीति को लेकर लगाया ये बड़ा आरोप

DMK सांसद ए राजा ने बताया क्यों माने जा सकते हैं अलगाववादी? केंद्र सरकार की तीन भाषा नीति को लेकर लगाया ये बड़ा आरोप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार की तीन भाषा नीति पर डीएमके सांसद ए राजा ने शनिवार को तीखा हमला बोला। उन्होंने केंद्र सरकार की नीति को लेकर कड़े शब्दों में निंदा की। डीएमके सांसद ने कहा कि हम अलगाववादी नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार उन्हें अलगाववादी बनाने पर मजबूर कर रही है।

इस दौरान डीएमके सांसद ए राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाषा नीति से जुड़ी एक बयान पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने पीएम मोदी पर देश को विभाजित करने का आरोप लगाया। ए राजा ने कहा, "प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ लोग भाषा के नाम पर देश को अलग करने की कोशिश कर रहे हैं। यदि आपको संदेह है कि हम भाषा के आधार पर देश को विभाजित करेंगे, तो क्या हमें इस बात पर भी संदेह नहीं करना चाहिए कि आप धर्म के आधार पर देश को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं?"

पीएम मोदी पर साधा निशाना

इसके अलावा उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रधानमंत्री भाषा के मुद्दे पर बोलना जारी रखते हैं, तो इसका कड़ा विरोध होगा। राजा ने कहा, "अगर आप अभी भी भाषा के मुद्दे पर बयान देते हैं, तो हमारे उपमुख्यमंत्री कहेंगे, 'वापस जाओ, मोदी' और हम संसद में कहेंगे, 'मोदी चुप रहो'।" उन्होंने साफ करते हुए कहा उनकी पार्टी अलगाववाद की वकालत नहीं करती, लेकिन केंद्र की नीतियां उन्हें मजबूर कर रही हैं।

तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष सेल्वापेरुन्थगई ने भी केंद्र सरकार की तीन भाषा नीति पर निशाना साधते हुए कहा, "भाजपा तमिलनाडु में आरएसएस की विचारधारा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है, लेकिन उनका यह सपना कभी पूरा नहीं होगा।"

तीन भाषा नीति पर गरमाई सियासत

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि भारतीय भाषाओं के बीच कभी कोई दुश्मनी नहीं रही, बल्कि वे एक-दूसरे को समृद्ध करती रही हैं। उन्होंने भाषा के आधार पर मतभेद पैदा करने वाली भ्रांतियों से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा कि सरकार देश की हर भाषा को मुख्यधारा का हिस्सा मानती है।

पीएम मोदी ने कहा, "भाषाओं ने हमेशा एक-दूसरे को प्रभावित और समृद्ध किया है। जब भाषा के आधार पर विभाजन की कोशिश की जाती है, तो हमारी साझा भाषाई विरासत इसका मजबूत प्रतिवाद प्रस्तुत करती है। सभी भाषाओं को अपनाना और समृद्ध करना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है।"

मालूम हो कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र की निंदा की। उन्होंने कहा कि स्टालिन राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित होकर काल्पनिक चिंताएं उठा रहे हैं। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 किसी भी राज्य पर कोई भाषा थोपने की सिफारिश नहीं करती है. इसका मतलब यह है कि एनईपी किसी भी तरह से तमिलनाडु में हिंदी थोपने की नीति नहीं बना रही है।"

Created On :   22 Feb 2025 6:40 PM IST

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