कर्नाटक में प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस ने दिल्ली जीतने का किया दावा, बीजेपी की जीत की हैट्रिक पर रोक लगाने का क्या है प्लान?
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस पार्टी की खुशी का ठिकाना नहीं है। पार्टी अपनी जीत को जबरदस्त तरीके से भुनाने में लगी हुई है आखिर लगे भी क्यों ना, कांग्रेस की ये बड़ी जीत बड़े अर्से बाद भी तो मिली है। कांग्रेस पार्टी कर्नाटक का किला फतह करने के बाद दिल्ली को जीतने की तैयारी में दिखाई दे रही है। जी हां, कांग्रेस के कद्दावर नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश के एक बयान से ऐसा ही प्रतीत होता है। इसके अलावा भाजपा की हार और कांग्रेस की जीत को देखते हुए अन्य राजनीतिक पार्टियां भी गदगद नजर आ रही हैं और बीजेपी को कर्नाटक से बुरे और दिन दिखाने की बात भी कह रही है।
दरअसल, कर्नाटक में बीजेपी की करारी हार से अन्य विपक्षी दल काफी खुश नजर आ रहे हैं। जिसमें सबसे प्रमुख पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम शुमार है। जो बीजेपी की जीत की रथ यात्रा को रोकने के लिए तमाम दलों से आग्रह कर चुकी हैं कि वो भगवा पार्टी से अपने राज्य में डट कर सामना करें। हालांकि, इस लिस्ट में बिहार के सीएम नीतीश कुमार का नाम भी शामिल है। जिन्होंने भाजपा को हराने के लिए कसम खा रखी है। पिछले कई महीनों से नीतीश कुमार विपक्ष के तमाम वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं ताकि केंद्र की सरकार को घेरा जा सके। अब सवाल उठता है कि कर्नाटक की जीत पर कांग्रेस पार्टी के प्रति अन्य विपक्षी दलों का नजरिया बदलेगा? क्या आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को अपना प्रतिनिधित्व करने देंगे?
जयराम रमेश ने क्या कहा?
कर्नाटक की जीत पर कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता जयराम रमेश ने कहा कि, हमारी पार्टी ने कर्नाटक में बड़ी मेहनत की थी। जिसका फल हमें आज मिला है। अगर आप किसा भी चीज को शिद्दत से चाहें और उस पर काम करते रहे तो जीत आपकी सुनिश्चित है। रमेश ने आगे कहा कि, जिस तरह हमने कर्नाटक में जीत दर्ज की और भाजपा की हार हुई है वो निर्णायक है। बीजेपी के साथ ये पीएम मोदी की बड़ी हार है क्योंकि उन्होंने ताबड़तोड़ कई रैलियों को संबोधन किया था। आने वाले चुनाव में हम दिल्ली भी जीतेंगे।
कांग्रेस पर विश्वास कितना?
कर्नाटक जीत के बाद कांग्रेस नेता का दिल्ली को जीतना आत्मविश्वास ही दर्शाता है। लेकिन सवाल बड़े है क्या विधानसभा चुनाव के मुद्दे लोकसभा चुनाव में चलेंगे और इससे भी बड़ा सवाल क्या विपक्ष के नेता साथ में आकार भाजपा के खिलाफ हुंकार भरेंगे। ये तमाम सवालों का जवाब अभी फिलहाल किसी के पास तो नहीं है। लेकिन इस पूरे मामले पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि, कर्नाटक का चुनाव जीतना कांग्रेस के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण था। अगर कांग्रेस इस बार भी निराशाजनक प्रदर्शन करती तो शायद विपक्षी दल एक छतरी के नीचे आने में आनाकानी करते, लेकिन अब कर्नाटक में इतनी प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस के प्रति राजनैतिक दलों में विश्वास जगा होगा कि आगामी 2024 के चुनाव में पार्टी बीजेपी को टक्कर दे सकती है।
जीत की हैट्रिक रोकेगी कांग्रेस?
विश्लेषकों के मुताबिक, अगर इस जीत के साथ ही कांग्रेस चुनावी मोड में आ जाए तो विपक्षी एकता को एकजुट करना आसान हो जाएगा। सियासत के जानकर ये भी मानते हैं कि, कांग्रेस पार्टी बीजेपी को टक्कर दे सकती है लेकिन अभी वो इतनी मजबूत स्थिति में भी नहीं है कि वो अकले भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंक सके। इसलिए अपने ही स्तर पर उसे पहल करनी होगी और तमाम छोटे-बड़े पार्टियों के साथ मिलकर अभी से तैयारियों में जुट जानी चाहिए। सियासी पंडितों का ये भी कहना है कि, ये काम इतना आसान नहीं है भले ही कांग्रेस कर्नाटक जीत ली हो लेकिन भाजपा से पार पाना अभी बड़ा मुश्किल होगा। बीजेपी जमीनी स्तर पर बहुत मजबूत है और वो जानती है कि अगर लोकसभा चुनाव में एक बार फिर जीत की हैट्रिक लगानी है तो राष्ट्र का मुद्दा, बेरोजगारी, शिक्षा, युवाओं से संवाद, महिलाओं को सही तरह से योजना का लाभ, ये तमाम मुद्दे जमीनी स्तर पर ले जाकर भुनाएंगी। ताकि एक बार फिर से वो चुनाव जीते और विपक्षी दलों के सपनों पर पानी फेर सके।
जीत से गदगद कांग्रेस
हालांकि, कर्नाटक की जीत को लेकर गदगद हुई कांग्रेस भाजपा को घेरने के लिए क्या प्लान बनाती है, ये देखना दिलचस्प होगा। इस जीत को बरकरार रखती है या फिर भगवा पार्टी से शिकस्त खाती है ये भी भविष्य में पता चल जाएगा। लेकिन जिस तरह कांग्रेस कर्नाटक में अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है इसे देख ऐसा लगता है कि जल्द ही वो बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल सकती है ताकि इस जीत को बनाए रखा जाए।
Created On :   14 May 2023 10:30 AM IST