केंद्र सरकार के अध्यादेश पर सीएम केजरीवाल को मिला कांग्रेस का साथ, जानें पूरा मामला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में तबादलों और नियुक्तियों को लेकर केंद्र सरकार और केजरीवाल सरकार के बीच खींचतान जारी है। इस बीच आम आदमी पार्टी को अब कांग्रेस का साथ मिल गया है। सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि हमारी पार्टी दिल्ली सरकार के अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट के पीठ के पक्ष में है। साथ ही उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र सरकार को भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए।
आनंद शर्मा का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब खड़गे के आवास पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की। माना जा रहा है कि सीएम नीतीश ने इस बैठक के दौरान दिल्ली में बीजेपी और आप के बीच जारी खींचतान और केंद्र के अध्यादेश पर भी चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर खरगे ने नीतीश कुमार से बात की है। साथ ही खड़गे ने नीतीश को आश्वासन दिया है कि वे दिल्ली और पंजाब की इकाइयों से बात कर कोई फैसला ले सकते हैं।
संसद में बिल का विरोध करेगी कांग्रेस
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र के अध्यादेश पर कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा कि पार्टी संघीय ढांचे और राज्यों के अधिकार के पक्ष में, लेकिन सीमित अधिकारों के बावजूद भी कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित ने दिल्ली में पंद्रह सालों तक अपनी सरकार चलाई। लेकिन केजरीवाल के मामले में ऐसा नहीं है। उनका ध्यान सरकार चलाने की बजाय केंद्र से टकराव पर रहता है। हालांकि सूत्रों की माने तो कांग्रेस संसद में केंद्र सरकार के बिल का विरोध करती हुई नजर आएगी।
वेणुगोपाल ने कही ये बातें
हालांकि, कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अपने ट्वीट जरिए कहा, "राजधानी दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में दिल्ली सरकार की शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लाए गए केंद्र की अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने कोई निर्णय नहीं लिया है। पार्टी अपनी राज्य इकाइयों और अन्य समान विचारधारा वाले दलों से उसी पर परामर्श करेगी। पार्टी कानून के शासन में विश्वास करती है और साथ ही किसी भी राजनीतिक दल द्वारा राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ झूठ पर आधारित अनावश्यक टकराव और अभियानों को नजरअंदाज नहीं करती है।"
The Congress Party has not taken any decision on the issue of the Ordinance brought against the SC judgment on the powers of the Government of NCT of Delhi with respect to appointment of officers. It will consult its state units & other like-minded parties on the same.The Party…— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) May 22, 2023
गौरतलब है कि, सीएम नीतीश कुमार 21 मई को राजधानी दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने आप सरकार को समर्थन देने की बात कही। साथ ही केजरीवाल ने मीडिया से कहा था कि सीएम नीतीश कुमार इस मामले में समर्थन लेने के लिए व्यक्तिगत रुप से सभी विपक्षी दलों के प्रमुखों से बातचीत करके उनसे समर्थन हासिल करेंगे। ताकि विधेयक को राज्यसभा में पारित होने से रोका जा सके।
बता दें कि, इस बैठक के बाद सीएम नीतीश ने भी केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने मोदी सरकार से सवाल करते हुए कहा था कि आप (केंद्र सरकार) एक निर्वाचित सरकार की शक्ति कैसे छीन सकते हैं? उन्होंने केंद्र को संविधान अध्यन करने को कहा। साथ ही सीएम नीतीश ने केजरीवाल को समर्थन देने की बात कहते हुए कहा कि केजरीवाल जो कह रहे हैं, वह सही है।
जानें पूरा मामला
दरअसल, एक हफ्ते पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार के हाथों सौंप दिया था। इसके बाद बीते शुक्रवार को केंद्र सरकार ने दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने का एक अध्यादेश जारी किया। जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने केंद्र पर आरोप लगाया कि दिल्ली में नौकरशाहों के तबादले में केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ जा रही है। उन्हें एक अध्यादेश जारी किया है जो कि संवैधानिक नहीं है। केजरीवाल ने आगे कहा कि इस अध्यादेश को छह महीने के भीतर संसद की ओर से अनुमोदित कर लिया जाएगा।
Created On :   23 May 2023 12:09 AM IST