CEC Appointment Controversy: 'आधी रात में इंदिरा गांधी ने...', भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी के सवालों पर किया पलटवार
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- मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर बवाल
- राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना
- अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस नेता पर किया पलटवार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इस मुद्दे पर मंगलवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने भाजपा द्वारा आधी रात में मुख्य आयुक्त की नियुक्ति पर जल्दबाजी में फैसला लेने की बात कही है। इस मुद्दे पर अब भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद अनुराग ठाकुर की प्रतिक्रिय सामने आई है। उन्होंने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है।
अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर किया पलटवार
अनुराग ठाकुर ने कहा कि आजाद भारत में एक बार आधी रात को इंदिरा गांधी ने फैसला लेकर आपातकाल लगा दिया था। उन्होंने संविधान का किडनैप कर लोकतंत्र को बंधक बना दिया। भाजपा सांसद ने आगे कहा, "नरेंद्र मोदी सरकार का राष्ट्रहित में और संविधान के अनुरूप निर्णय लेने का बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड है और नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति भी इसी तरह की है। लोकतंत्र के ऐसे पापी, जिनका अपने वफादारों को शीर्ष पदों पर नियुक्त करने का इतिहास रहा है, अब मोदी सरकार को उपदेश दे रहे हैं। संविधान का अनादर और आधी रात को साजिशें कांग्रेस की संस्कृति हैं- हम पारदर्शिता में विश्वास करते हैं।"
बता दें, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से संबंधित समिति की बैठक में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को अपना असहमतिपूर्ण नोट सौंपा था। इन नोट में उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की स्वतंत्रता विशेष रूप से चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया सरकार के हस्तक्षेप से मुक्त होनी चाहिए। राहुल गांधी ने ये भी दावा किया कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए CJI को इस समिति से हटा दिया। इस वजह से चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर मतदाताओं के मन में चिंता और बढ़ गई है।
राहुल गांधी ने मुख्य आयुक्त की नियुक्ति पर उठाए सवाल
इसके बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट पोस्ट किया है। इस पोस्ट में उन्होंने कहा था कि यह सरकार की ओर से उठाया गया एक अपमानजनक और असम्मानजनक कदम है क्योंकि चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठने के बावजूद इस पर जल्दबाजी में फैसला लिया गया है। उनका मानना है कि ऐसे कदम भारतीय लोकतंत्र की मजबूती को कमजोर कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा, 'नेता प्रतिपक्ष के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं बाबासाहेब अम्बेडकर और हमारे देश के संस्थापक नेताओं के आदर्शों को कायम रखूं और सरकार को जिम्मेदार ठहराऊं। नई सीईसी का चयन करने के लिए आधी रात को निर्णय लेना प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के लिए अपमानजनक और असभ्य दोनों है, जब समिति की संरचना और प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा रही है और 48 घंटे से भी कम समय में सुनवाई होनी है।'
Created On :   19 Feb 2025 12:14 AM IST