पुणे पोर्श कांड: नाबालिग को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली जमानत, अदालत ने कहा 'गैरकानूनी है हिरासत..'

नाबालिग को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली जमानत, अदालत ने कहा गैरकानूनी है हिरासत..
  • अदालत ने कहा नाबालिग को हिरासत में रखना गैरकानूनी
  • नाबालिग को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली जमानत
  • पुणे पोर्शे कांड का आरोपी है नाबालिग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुणे पोर्शे कांड के आरोपी को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत दे दी गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट जमानत देते हुए कहा कि यह आरोपी नाबालिग है। इसे हिरासत में रखना गैरकानूनी है। पुणे पोर्श कांड के नाबालिग की जमानत याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी। बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की बेंच ने आरोपी नाबालिग को जमानत देते हुए कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण हुआ था।

बता दें, नाबालिग के माता-पिता और दादा भी जेल में बंद हैं। इसलिए नाबालिग को ऑब्जर्बेशन होम में नहीं रखा जा सकता है। नाबालिग को कस्टडी में उसके मौसी के पास रखा गया है। 25 जून को पुणे पोर्शे कांड के नाबालिग आरोपी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। किशोर न्याय बोर्ड को निर्देश दिया कि कानून का उल्लंघन करने वाले नाबालिग बच्चे को बाल सुधार गृह के गैरकानूनी हिरासत से रिहा कर दी जाए।

आरोपी के मौसी ने जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में हैबियस कार्पस की एक रिट दायर की थी। हैबियस कार्पस की रिट जुवेनाइल जस्टिस एक्ट पर निर्भर करती है। खास बात यह है कि जुवेनाइल जस्टिस की धारा 12(1) के प्रावधानों पर निर्भर करती है। जो 22 मई 2024, 5 जून 2024 और 12 जून 2024 के जुवेनाइल बोर्ड को आदेश देता है कि बच्चे को ऑब्जर्वेशन होम रखना गैरकानूनी है और कानून के उल्लंघन करने वाले नाबालिग बच्चे का यह काम है कि कानून की उचित प्रक्रिया के साथ-साथ बॉम्बे हाईकोर्ट के बताए गए नियमों का पालन करें।

जानें पूरा मामला

दरअसल, बात 19 मई को पुणे शहर की है। जहां एक नाबालिग नशे की हालात में काफी स्पीड से पोर्श कार चला रहा था। पोर्शे कार के स्पीड से दो सोफ्टवेयर इंजीनियर अनिश अवधिया और उसके साथी अश्विनी कोष्टा की मौत हो जाती हैं। नाबालिग आरोपी को घटना के कुछ समय बाद किशोर न्याय बोर्ड से जमानत दे दी जाती है। आरोपी नाबालिग को घर वाले के देखरेख मे रहने को कहा गया था। उसे सड़क दुर्घटना के सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध भी लिखने को कहा था। हालांकि, बाद में पुलिस ने जमानत में संशोधन करने की मांग भी की थी। वहीं, 22 मई को नाबालिग आरोपी को हिरासत में लेने के साथ उसे बाल सुधार गृह में भेजने का आदेश दिया था।

Created On :   25 Jun 2024 7:37 PM IST

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