सर्वे में सीएम शिवराज का घटा कद? बीजेपी को इस नेता के चेहरे पर लड़ना चाहिए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 230 विधानसभा सीटों वाले मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राज्य में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। राज्य में इन दोनों पार्टियों में आमने-सामने की स्थिति में बनी हुई है। इस समय राज्य में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार चल रही है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां चुनावी तैयारी में लगी हुई है। हर दिन दोनों पार्टियों की ओर से लोकलुभावन वादें किए जा रहे हैं। इधर, बीजेपी ने साफ कर दिया है कि शिवराज सिंह चौहान ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे। इस बीच एक सर्वे हुआ है। जिसमें सीएम शिवराज के लिए बुरी खबर है।
एबीपी न्यूज के सी वोटर ने एक सर्वे किया है। जिसमें लोगों से जानने की कोशिश की गई कि बीजेपी को किसके चेहरे पर आगामी एमपी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। जिसके बाद हैरान करने वाले नतीजे सामने आए। जो कि सीएम शिवराज के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। सर्वे के मुताबिक, जनता की राय है कि एमपी विधानसभा चुनाव शिवराज सिंह चौहान के फेस पर नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे लड़ा जाना चाहिए। सर्वे में 37 फीसदी लोगों ने पीएम मोदी के चेहरे पर बीजेपी को विधानसभा चुनाव लड़ने को कहा है। जबकि 24 फीसदी लोगों ने कहा कि सीएम शिवराज के फेस पर चुनाव लड़ा जाना चाहिए। वहीं 20 फीसदी लोगों ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर मुहर लगाई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया इस रेस में शिवराज सिंह चौहान से मात्र 4 फीसदी वोट कम है। हालांकि इस सर्वे में 19 फीसदी लोगों ने 'पता नहीं' में जवाब दिया है।
सर्वे से यह भी पता चलता है कि कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद प्रदेश बढ़ता जा रहा है। वे इस चुनाव में बीजेपी के लिए बेहतर साबित हो सकते हैं। क्योंकि शिवराज और सिंधिया को लोगों ने लगभग एक बराबर सर्मथन दिया है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी की ओर से सिंधिया शिवराज सिंह चौहान को बड़ी टक्कर दे सकते हैं।
एबीपी न्यूज सी वोटर का सवाल-
बीजेपी को मध्य प्रदेश में किसके चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए?
- पीएम मोदी- 37 फीसदी
- सीएम शिवराज- 24 फीसदी
- ज्योतिरादित्य सिंधिया - 20 फीसदी
- पता नहीं- 19 फीसदी
एबीपी न्यूज ने बताया कि इस सर्वे में 2064 लोगों से उनकी राय ली गई है। साथ ही उन्होंने यह बताया कि सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी है।
20 सालों से राज्य में बीजेपी की सरकार
साल 2003 से 2018 तक मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार रही है। 2018 विस चुनाव में बीजेपी को यहां पर हार का सामना करना पड़ा था। तब बीजेपी सरकार बनाने के मेजोरिटी से चुक गई थी। हालांकि इस चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। लेकिन कांग्रेस ने निर्दलीय विधायक और सपा-बसपा के साथ गठबंधन करके राज्य में अपनी सरकार बनाई थी। उस वक्त कांग्रेस 114 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं बीजेपी भी कांग्रेस से मात्र 6 सीटें कम थी। उस वक्त बीजेपी को 108 सीटें मिली थीं। हालांकि राज्य में कांग्रेस अपनी सरकार की टर्म पूरी करने में विफल रही और साल 2020 में पार्टी के हाथों से सत्ता की चाबी चली गई। उस वक्त कांग्रेस की ओर से 21 विधायकों ने इस्तीफा देकर बीजेपी का 'हाथ' थाम लिया। इसके बाद राज्य में एक फिर बार बीजेपी की सरकार बनी। अब देखना होगा कि इस राज्य की जनता कौन-सी पार्टी के हाथों सत्ता सौंपती है।
Created On :   12 Jun 2023 11:13 PM IST