भाजपा राम मंदिर को सरकार की सबसे भव्य विरासत और 2024 के वोट मैग्नेट के रूप में देखती है

भाजपा राम मंदिर को सरकार की सबसे भव्य विरासत और 2024 के वोट मैग्नेट के रूप में देखती है
BJP views Ram temple as govt's grandest legacy and 2024 vote magnet
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने और 10वें साल में कदम रखने के साथ ही राम मंदिर 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरने वाला है। जनवरी 2024 में जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर का अनावरण होगा, वह पल देश-विदेश में खुशी की लहर दौड़ाएगा। राम मंदिर भाजपा के इतिहास में एक मील का पत्थर होगा और उस आंदोलन की पराकाष्ठा को भी चिन्हित करेगा, जिसने पार्टी को देश में पूर्ण सत्ता तक पहुंचा दिया।

1980 में अस्तित्व में आने के बाद से राम मंदिर भाजपा की राजनीति का आधार रहा है। पार्टी ने पिछले दशकों में मंदिर आंदोलन में कुछ अशांत समय का सामना भी किया है। 2024 में जब राम मंदिर के कपाट खुलेंगे तो यह केवल ग्राउड होगा जो तब तक बनकर तैयार हो चुका होगा। वहां रामलला की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी और अगले साल जनवरी में जनता के लिए कपाट खोल दिए जाएंगे।

मंदिर ट्रस्ट जनता के लिए इसे खोलने से पहले पूरे मंदिर के तैयार होने का इंतजार नहीं कर रहा है। मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल को पूरा होने में एक और साल लगेगा और 71 एकड़ से अधिक का पूरा परिसर 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा। भाजपा चाहती है कि मंदिर अगले साल खुले ताकि लोकसभा चुनाव भगवा पार्टी को इसका फयदा मिल सके।

सूत्रों के अनुसार, मंदिर के उद्घाटन से पहले बड़े पैमाने पर एक प्रचार अभियान होगा, जिसे हिंदू भावनाओं को बढ़ाने और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीद पैदा करने के लिए डिजाइन किया जाएगा। भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि मंदिर के उद्घाटन से पहले का अभियान लगभग तीन महीने तक चलेगा और हम हिंदू भावनाओं को इस तरह बढ़ाने की योजना बना रहे हैं जैसा पहले कभी नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि राम मंदिर किसी चुनावी वादे को पूरा नहीं कर रहा है, बल्कि उस विश्वास को पूरा कर रहा है, जो लाखों लोगों ने भाजपा पर जताया था। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल सहित संघ परिवार के अन्य घटक भी भव्य अवसर के लिए एक बिल्ड-अप बनाने के लिए कार्यक्रमों की योजना बना रहे हैं।

भाजपा यह सुनिश्चित करना चाहेगी कि 2024 में मंदिर की बात भारतीय राजनीतिक परि²श्य पर हावी हो और अन्य सभी मुद्दों को एक तरफ कर दिया जाए। 2024 की शुरुआत में मंदिर के खुलने से भारत के लोगों के लिए एक नई अयोध्या भी खुलेगी। योगी आदित्यनाथ सरकार को उम्मीद है कि मंदिर खुलने पर तीर्थयात्रियों की संख्या प्रति दिन लगभग एक लाख तक पहुंच जाएगी और राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है कि पवित्र शहर को तब तक दिव्य रूप मिल जाए।

सरकार एक साथ एक नई अयोध्या बनाने की तैयारी कर रही है, जो अपने आप में तीर्थयात्रियों के लिए एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण होगा। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि जब कोई राम मंदिर देखने के लिए अयोध्या आएगा है, तो हम चाहेंगे कि वे एक नया अत्याधुनिक शहर (नई अयोध्या) देखे।

उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या को वैश्विक पर्यटन और आध्यात्मिक गंतव्य में बदलने के लिए 37 एजेंसियों द्वारा निष्पादित 264 परियोजनाओं को शामिल करते हुए 32,000 करोड़ रुपये की मेगा योजना के साथ अयोध्या को विकसित करने के लिए कमर कस रही है। अयोध्या में राजमार्गों, सड़कों, बुनियादी ढांचे, टाउनशिप, भव्य प्रवेश द्वार, बहुस्तरीय पार्किं ग सुविधाओं और एक नए हवाई अड्डे का एक बड़ा नेटवर्क बन रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 32,000 करोड़ रुपये की 264 परियोजनाओं के साथ शहर को सजाया जा रहा है।

इनमें से 143 परियोजनाएं को 2024 तक पूरा किया जाना है। इस योजना के संबंध में लगभग 10 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन किए गए हैं और अयोध्या के लिए एक विजन 2047 तैयार किया गया है, जो इसे ब्रांड अयोध्या के हिस्से के रूप में एक वैश्विक आध्यात्मिक राजधानी, एक बड़ा पर्यटन स्थल और एक स्थायी स्मार्ट शहर बनाने पर केंद्रित है।

एक फ्री-फील्ड वैदिक बस्ती (टाउनशिप), एक नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, एक पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन, नई प्रमुख सड़कों का निर्माण और सरयू नदी विकास योजना के साथ-साथ ऐतिहासिक शहर सर्किट और हेरिटेज वॉक इसका हिस्सा हैं। जाहिर तौर पर भाजपा चाहती है कि लोग नई अयोध्या में भव्य राम मंदिर को देखें, दोनों ही स्वाभाविक रूप से सुर्खियां बटोरेंगे। भाजपा लंबे समय से कहती रही है कि मंदिर राजनीति का नहीं, बल्कि लाखों लोगों की आस्था का है।

भाजपा के शीर्ष नेता यह बताने से नहीं चूके हैं कि किसी और शासन काल में मंदिर नहीं बनता। लोकसभा चुनाव के दौरान ही वर्षों से मंदिर निर्माण को पटरी से उतारने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर हमला बोला जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सत्ता में आने के बाद से लगभग हर महीने मंदिर स्थल का दौरा किया है और व्यक्तिगत रूप से विकास कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 2019 के लोकसभा चुनाव की कहानी जहां सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में थी, वहीं 2024 के आम चुनावों में राम मंदिर बड़ा नैरेटिव बन जाएगा। और यह एक ऐसी बात है जिसे देश की कोई भी राजनीतिक पार्टी नकार नहीं सकती और न ही पटरी से उतार सकती है।

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Created On :   27 May 2023 5:50 PM IST

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