विधानसभा चुनाव 2023: बालाघाट में नामांकन के साथ भाजपा बैकफुट पर, गुपचुप बदल दिया प्रत्याशी
- एमपी चुनाव के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने कसी कमर
- 17 नवंबर को डाले जाएंगे वोट
डिजिटल डेस्क, बालाघाट। जिले की प्रतिष्ठापूर्ण बालाघाट सीट पर कांग्रेस ने जिस तरह से महिला कार्ड खेलते हुए भाजपा को बैकफुट पर धकेला है, वह अपने आप में दिलचस्प वाकया है। पीसीसी चीफ कमलनाथ के प्रभाव वाले इस जिले में अधिकांश सीटों पर प्रत्याशी चयन में पूर्व की जगह भूतपूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की चली और वे करीब आधा साल पहले कांग्रेस में आईं अनुभा मुंजारे को टिकट दिला ले गए। इस फैसले से कई दावेदार नाखुश भी हुए, लेकिन इस एक फैसले ने मंत्री गौरीशंकर बिसेन सहित भाजपा के प्रदेश संगठन को भी हिला दिया। आंतरिक मंथन के बाद भाजपा ने इस सीट पर अपनी रणनीति बदली और बालाघाट सीट पर अपनी घोषित प्रत्याशी मौसम हरिनखेड़े को चुनाव मैदान से हटाने का निर्णय लेना पड़ा। प्रत्याशी बदलने का विपरीत असर न पड़े, प्रदेश संगठन ने गुपचुप तरीके से यह काम किया। भाजपा के जिला चुनाव प्रभारी जी.एस. ठाकुर समेत प्रदेश के नेता पार्टी की घोषित सूची से किसी भी प्रत्याशी के नाम परिवर्तन से इंकार करते रहे और नामांकन के आखिरी दिन पिछले सप्ताह ही नामांकन दाखिल कर चुके गौरीशंकर बिसेन को बी-फॉर्म पकड़ा दिया और बिसेन ने पार्टी प्रत्याशी के रूप में दोबारा नामांकन पत्र भरा। कहीं कोई गफलत न हो जाए या पेंच न फंस जाए और भाजपा प्रत्याशी बदले जाने का हल्ला न मचे, संगठन द्वारा पूर्व में घोषित प्रत्याशी बिसेन की पुत्री मौसम ने भी नामांकन भरा। तस्वीर 2 तारीख को फॉर्मों की स्कूटनी और नाम वापसी के बाद साफ होगी, लेकिन यह जरूर है कि कांग्रेस भाजपा को बैकफुट पर धकेलने और जिले में महिलाओं को टिकट दिए जाने का मुद्दा अपने हाथ मे बचाये रखने में जरुर कामयाब रही।
तीन सीटों पर भितरघात का खतरा
कटंगी, वारासिवनी और लांजी में भी भाजपा की मुश्किलें कम नहीं हैं। डैमेज कंट्रोल और असंतुष्टों को मनाने जिले के प्रवास पर आए भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री तथा संभागीय चुनाव प्रभारी बी. पी. रवि ने लांजी और वारासिवनी में तो जरूर बागियों को बैकफुट पर ला दिया है लेकिन कटंगी में उसके बागी पूर्व विधायक तो कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में उतर ही गए हैं। यहां भी बिसेन फैक्टर काफी काम करेगा। लिहाजा कटंगी के भाजपा प्रत्याशी गौरव पारधी के लिए भितरघाती मुश्किलें बढ़ाएंगे ही। दूसरे खेमे में जा चुके अपनों से भी इन्हें मुकाबला करना होगा। इसी तरह से लांजी और वारासिवनी में संगठन द्वारा फिलहाल भले ही असंतुष्टों और बगावती तेवर दिखाने वालों को मना लिये जाने की बात कही जा रही हो लेकिन इन दोनों सीटों पर भी भितरघात का खतरा बढ़ गया है। वजह, वारासिवनी और कटंगी के असंतुष्टों में शुमार एक भी बड़ा नेता श्री रवि से मिलने नहीं पहुंचा। इसी तरह से लांजी में भी टिकट वितरण से खफा रमेश भटेरे मनाए और समझाए जाने के बावजूद पार्टी प्रत्याशी की नामांकन रैली में नहीं पहुंचे।
भितरघात और बगावत से कांग्रेस को भी डर
कटंगी में कांग्रेस के दो दावेदारों ने बगावत कर दी है। अपनों के बजाय बाहरी (भाजपा से कांग्रेस में आए) को टिकट दिए जाने से खफा हो इस सीट पर कांग्रेस के लिए बगावत से राह मुश्किल हो रही। यहां टिकट वितरण के बाद प्रशांत मेश्राम ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम चुनाव मैदान में ताल ठोंक दी है। इसी तरह से कांग्रेस नेत्री केशर बिसेन ने भी निर्दलीय नामांकन भर कर अपने इरादे जता दिए हैं। यही स्थिति बालाघाट में भी बनती जा रही है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी अनुभा की नामांकन रैली में भीड़ जुटने के बाद तितर-बितर हुए कांग्रेसियों को समेटना अब पार्टी के कर्णधारों के लिए मुश्किल होता जा रहा है। कुछ ने तो पार्टी से दूरी बना ली है तो कुछ को प्रत्याशी रास नहीं आ रहा है। लिहाज यहां भी कांग्रेस को भितरघात का डर सता रहा है।
Created On :   1 Nov 2023 7:57 AM GMT