बिजली महादेव मंदिर रोपवे: कंगना रनौत ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, नितिन गडकरी से मुलाकात की कही बात, दो दिन पहले ही मांगी थी माफी

कंगना रनौत ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, नितिन गडकरी से मुलाकात की कही बात, दो दिन पहले ही मांगी थी माफी
  • 275 करोड़ रुपये का बिजली महादेव मंदिर रोपवे प्रोजेक्ट
  • नितिन गडकरी ने किया था शिलान्यास
  • अब रोपवे के विरोध में उतरीं कंगना रनौत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिमाचल की मंडी सीट से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने अपनी ही सरकार के एक फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया है। इसी साल लोकसभा चुनाव से पहले कुल्लू में नितिन गडकरी ने खराहल घाटी से बिजली महादेव मंदिर रोपवे बनाने का ऐलान किया था। इस निर्माण कार्य के लिए केंद्र सरकार ने 272 करोड़ रुपये का बजट पास किया है। जिसके विरोध में अब कंगना रनौत उतर गई हैं।

बता दें कि, बिजली महादेव मंदिर के रोपवे बनने को लेकर खराहल और कशावरी घाटी के लोग विरोध कर रहे हैं। यहां के ग्रामीण लोगों ने सड़कों पर उतरकर बिजली महादेव रोपवे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। इन लोगों का कहना है कि रोपवे बनने से देवता खुश नहीं हैं। रोपवे बनने से उनके रोजगार को भी नुकसान होगा। साथ ही, निर्माण कार्य में कई पेड़ों को काटा जाएगा। जिसके चलते पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचेगा।

रोपवे के विरोध में कंगना

इस मामले को लेकर कंगना ने कहा- मैंने बिजली महादेव मंदिर के रोपवे रोपवे को लेकर नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। इस दौरान मैंने उन्हें इस प्रोजेक्ट के मामले में जानकारी दी है। अगर हमारे देवता नहीं चाहते हैं तो यहां ये प्रोजेक्ट बंद होना चाहिए। मैं फिर नितिन गडकरी से मिलूंगी। हमारे लिए हमारे देवता का आदेश आधुनिकीकरण से ज्यादा जरूरी है।

बता दें कि, दो दिन पहले ही कंगना रनौत ने कहा था कि कृषि से जुड़े तीनों किसान बिल को वापस लाया जाना चाहिए। किसानों को इसकी मांग करनी चाहिए। इसके बाद बीजेपी और पार्टी के कई नेताओं ने कंगना के बयान से किनारा कर लिया। इसके बाद वीडियो के जरिए कंगना ने अपने बयान को वापस ले लिया।

नितिन गडकरी ने किया था शिलान्यास

इस रोपवे को डेढ़ साल में तैयार किया जाना है। इसी साल हिमाचल में कुल्लू के मोहल नेचर पार्क में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस रोपवे प्रोजेक्ट का वर्चुअली शिलान्यास किया था। जानकारी के मुताबिक, इस रोपवे के जरिए एक दिन में 36000 सैलानी बिजली महादेव पहुंचेंगे। जिससे यहां के पर्यटन को भी फायदा पहुंचेगा।

रोपवे के जरिए श्रद्धालुओं को काफी मदद मिलेगी। सड़क मार्ग के जरिए खराहल से बिजली महादेव मंदिर पहुंचने में सैलानियों को 2 से 3 घंटे का लंबा सफर तय करना पड़ता है। लेकिन रोपवे के जरिए यह सफर केवल 7 मिनटों में पूरा हो जाएगा।

रोपवे बनाने वाली कंपनी के नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड के मैनेजर अनिल सेन ने बताया कि रोपवे में 55 बॉक्स लगाए जाएंगे। जिसकी कुल क्षमता एक घंटे में 1200 लोगों की ले जाने की होगी। एक काम पूरी ठीक तरीके जारी होने के बाद इसकी क्षमता 1800 तक बढ़ा दी जाएगी।

जानें बिजली महादेव मंदिर के बारे में

बिजली महादेव मंदिर भारत के प्राचीन मंदिर में से एक है। यह कुल्लू घाट के सुंदर गांव काशवरी में मौजूद है। मंदिर 2460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर के शिवलिंग पर हर 12 साल में एक बार बिजली गिरती है। जिससे शिवलिंग के कई टुकड़े हो जाते हैं। इसके बाद पुजारी टुकड़ों को इकट्ठा करके उन्हें दाल के आटे, अनाज और मक्खन के पेस्ट से जोड़ देते हैं। बताया जाता है कि यहां शिवलिंग पर बिजली गिरने के चलते इस मंदिर का नाम बिजली महादेव मंदिर रखा गया है। यहां केवल देश से ही नहीं बल्कि विदेश से भी शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं।

Created On :   27 Sept 2024 6:18 PM IST

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