अजित पवार की वजह से शिंदे-फडणवीस में सब कुछ ठीक नहीं? विभागों के बंटवारे को लेकर खींचतान!

अजित पवार की वजह से शिंदे-फडणवीस में सब कुछ ठीक नहीं? विभागों के बंटवारे को लेकर खींचतान!
  • विभागों के बंटवारे को लेकर एनसीपी, बीजेपी, शिवसेना आमने-सामने
  • शिंदे गुट के मन में शंका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में उठापटक का दौर जारी है। एनसीपी दो खेमे में बंट गई है। शरद पवार का कहना है कि जहां मैं रहूंगा वहीं असली एनसीपी है। जबकि भतीजे अजित पवार का कहना है कि जिसके पास विधायकों और सांसदों की संख्या अधिक रहेगी वहीं असली एनसीपी का मुखिया है। सियासी उठापटक के बीच बीते दिन अजित पवार ने सीएम एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम बनने के बाद पहली बार कैबिनेट की मीटिंग में भाग लिया था। जिनमें जूनियर पवार के आठ विधायक भी शामिल हुए थे। जिन्होंने अजित पवार के साथ मंत्री पद की शपथ ली थी। इसी बैठक से जुड़ी एक खबर सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, ये बैठक मंत्रालय में अजित पवार की हिस्सेदारी को लेकर बुलाई गई थी। लेकिन सीएम शिंदे की वजह से पेंच फंस गया। खबर है कि, शिंदे गुट के विधायक और मंत्री नाराज है। उनका कहना है कि जब सरकार सही तरीके से चल रही थी तो अजित पवार को लाने की क्या जरूरत थी।

जानकारी के मुताबिक, 4 जुलाई की कैबिनेट बैठक में भाजपा की ओर से अजित गुट को वित्त मंत्रालय देने की बात कही गई थी। जिस पर शिंदे गुट के नेताओं ने नाराजगी जाहिर की। शिंदे गुट की नाराजगी इसलिए भी बताई जा रही है क्योंकि उनके कुछ मंत्रियों के मंत्रालयों के बदलने की बात सामने आ रही है। इसी वजह से बीते दिन कैबिनेट की बैठक में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही एक बार फिर कैबिनेट की बैठक हो सकती है।

बैठक में शांत रहे शिंदे

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैबिनेट बैठक में अजित पवार का गुट काफी एग्रेसिव था। जबकि शिंदे गुट चुपचाप बैठा हुआ था। मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस में काफी देर तक बातचीत हुई। लेकिन बैठक में मौजूद सीएम एकनाथ शिंदे शांत बैठे रहे। जिसको लेकर भी अदंर ही अंदर चर्चा हो रही है। इस पूरे मामले को देख शिंदे गुट में खलबली मची है। सवाल उठ रहे हैं कि कहीं बीजेपी को नया दोस्त मिल गया है तो कहीं पुराने दोस्त (शिंदे) को तो नहीं भूला दिया। शिंदे गुट के कई विधायक सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि जब हमारे पास पूर्ण बहुमत था तो अजित पवार को शामिल करने की क्या जरूरत थी।

शिंदे गुट के नेताओं के मन में शक

कहा जा रहा है कि, शिंदे गुट के नेताओं के मन में ये बात विपक्षी पार्टियों ने डाली है। बीते दिन ही शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा था कि अजित पवार जल्द ही शिंदे की जगह लेने वाले हैं। राउत ने दावा किया था कि सीएम की कुर्सी एकनाथ शिंदे खोने जा रहे हैं, जो जल्द ही देखने को मिल सकता है। इसके अलाला कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भी दावा किया था कि, बीजेपी अजित पवार को मुख्यमंत्री बनाने वाली है। दोनों पार्टियों के बीच अहम डील हुई है जिसका खामियाजा शिंदे और उनके विधायकों को भुगतना पड़ेगा। विपक्षी पार्टियों की ओर से ये बयान सुन शिंदे गुट के नेताओं के मन में शक पैदा हो रहे हैं।

Created On :   5 July 2023 10:11 AM IST

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