उत्तरप्रदेश सियासत: महाकुंभ को लेकर सियासत तेज, निमंत्रण देने पर अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में साल 2025 की शुरुआत प्रयागराज में महाकुंभ से होने जा रही है। लेकिन, इससे पहले महाकुंभ को लेकर सूबे की सियासत तेज हो गई है। राजधानी लखनऊ में रविवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस दौरान उन्होंने महाकुंभ के निमंत्रण पर सवाल उठाते हुए योगी सरकार को घेरा। अखिलेश यादव ने कहा, "कुंभ में निमंत्रण नहीं दिया जाता है। कुंभ में लोग अपने आप आस्था से आते हैं। मैं किसी के बारे में कुछ कहना नहीं चाहता। हमने अपने धर्म में सीखा और पढ़ा है कि ऐसे आयोजनों में लोग खुद आते हैं। जो करोड़ो लोग आएंगे क्या उन्हें निमंत्रण दिया जाता है? ये सरकार अलग है।"
महाकंभु के आमंत्रण पर उठाए सवाल
मीडिया से बातचीत में सपा सीफ ने कहा, "कुम्भ सही से हो हम सहायता देने के लिये तैयार हैं। मैंने भी हकीकत चेक कराई है, PDA पत्रकार ने कुंभ की हकीकत चेक की और सब उजागर हुआ है। इस दौरान उन्होंने VHP के सवाल पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। अखिलेश यादव ने कहा, "मैं तो कहता हूँ कि ये जो रोज खुदाई चल रही है। सीएम हाउस में भी करें वहाँ शिव मंदिर है। सीएम के घर में भी खुदाई हो शिवलिंग मिलेगा। अवैध निर्माण राज्यपाल के हाउस में भी हो रहा है।"
जर्मनी में बैलट पेपर की वोटिंग प्रकिया का किया जिक्र
इसके अलावा अखिलेश यादव ने जर्मनी के संसद सदस्य राहुल कंबोज को लेकर बयान दिया। उन्होंने बताया, "उनसे लगातार बात हो रही थी। मुझे खुशी है कि हमलोग आज लखनऊ में मिल रहे हैं। आज की पीढ़ी को सबसे ज्यादा पढ़ाई की जरूरत है। वो भी अपने परिवार को खुशहाल बनाना चाहता है।"
इसके बाद सपा चीफ ने जर्मनी में बैलट पेपर से वोटिंग कराने की प्रकिया पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जर्मनी समेत अन्य बड़े देशों की तर्ज पर भारत में वोटिंग बैलट पेपर से होनी चाहिए। इन देशों में चुनाव आज भी बैलट पेपर से ही कराए जाते हैं। हमें भी अपने वोटिंग प्रक्रिया पर वो भरोसा वापस पैदा करना होगा। हम लोग अपनी संस्थाओं पर भरोसा खो रहे हैं, हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में जनता बदलाव लाने का काम करेगी।"
सपा चीफ ने कहा, "वहां की सु्प्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर आप ईवीएम की मांग करेंगे वोटिंग के लिए तो वो असंवैधानिक होगा। जब जर्मनी जैसा देश ये मान रहा है तो ये एक लंबी बहस है। हम भले हार जाएं लेकिन हमें भरोसा होना चाहिए कि हम हारे हैं। हम हारने के बाद भरोसा नहीं कर पा रहे हैं और जीतने वाला जीतने के बाद भरोसा नहीं कर रहा है।"
Created On :   29 Dec 2024 5:54 PM IST