भास्कर हिंदी एक्सक्लूसिव: संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद इस प्रदेश में आप का होगा बुरा हाल, एक नेता पर बढ़ जाएगी जिम्मेदारी, वो 5 बातें जो बढ़ा रही हैं केजरीवाल का टेंशन
- संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद इस प्रदेश में आप का होगा बुरा हाल
- आगामी चुनाव में पार्टी को होगी दिक्कत
- संजय सिंह के बिना केजरीवाल की बढ़ेगी टेंशन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आप आदमी पार्टी (आप) नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। जिससे पार्टी को बड़ा झटका लगा है। संजय सिंह की गिरफ्तारी से पार्टी को बड़ा नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। अन्ना आंदोलन के समय से ही संजय सिंह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबी नेताओं में शामिल रहे हैं। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी के बाद पार्टी के भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। करीब दो माह बाद छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पार्टी इन राज्यों में सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारने वाली है।
सिसोदिया के बाद बड़ा झटका
केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बाद संजय सिंह ही पार्टी में एक ऐसे नेता हैं जिनकी पकड़ पार्टी के बड़े नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं पर है। ऐसे में संजय सिंह का जेल जाना पार्टी की ओर से चुनावी राज्यों में नुकसान के तौर पर देखा जा रहा है। चुनाव में पार्टी की रणनीति तैयार करने और उसे जमीनी स्तर पर लागू करने में संजय सिंह का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
उत्तर प्रदेश में 'आप' को लगेगा झटका
संजय सिंह लगातार आम आदमी पार्टी को हिंदी बेल्ट वाले राज्यों में मजबूत करने में जुटे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में पार्टी की मजबूत पकड़ बनाने में संजय सिंह का बड़ा योगदान है। वे लगातार उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में पार्टी की सक्रियता बनाये रखने में मददगार साबित हुए हैं। हाल ही पार्टी ने उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।
इंडिया गठबंधन की अहम कड़ी हैं संजय सिंह
इसके अलावा 'आप' को 'इंडिया' गठबंधन का हिस्सा बनाने में संजय सिंह ने अहम भूमिका निभाई है। साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों से भी तालमेल बैठाने में भी अहम भूमिका निभाई है। संजय सिंह को इंडिया गठबंधन का सूत्राधार के तौर पर माना जाता है। अब उनके जेल जाने से इन सभी फ्रंट पर पार्टी को नुकसान होने की उम्मीद जताई जा रही है।
एग्रेसिव नेता की कमी
राज्यसभा में संजय सिंह मुखर होकर केजरीवाल की पार्टी की ओर से अपनी बात रखते हैं। हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर उन्होंने राज्यसभा में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला था। इस दौरान पार्टी के एक और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने उनका बखूबी साथ निभाया था।
राघव चड्ढा पर बढ़ेगी जिम्मेदारी
अब तक पार्टी के तीन बड़े नेता कानूनी दांव-पेंच में फंस चुके हैं। इससे पहले शराब घोटाले में पार्टी के बड़े नेता मनीष सिसोदिया और दिल्ली सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन को भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल जाना पड़ा है। जिसके चलते पार्टी की साख को भी बड़ा झटका लगा है। राजनीतिक जानकारों के मानना है कि संजय सिंह को अगर कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो पार्टी नेता राघव चड्ढा पर जिम्मेदारी बढ़ सकती है।
Created On :   5 Oct 2023 1:48 PM IST