महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक में भी बीजेपी का 'ऑपरेशन लोटस 2.0' शुरू, लोकसभा चुनाव से पहले क्या है पार्टी की रणनीति?
- कर्नाटक में भी बीजेपी का 'ऑपरेशन लोटस 2.0' शुरू
- लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की कर्नाटक रणनीति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले देश में 'जोड़-तोड़ की राजनीति' शुरू हो गई है। विपक्षी पार्टियां भी खुद को मजबूत करने में लगी है। वहीं, केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर देश की सत्ता में काबिज होना चाह रही है। जहां विपक्षी एकता को लेकर बैठकों का दौर जारी है, वहीं बीजेपी भी अपने तरीके से अलग-अलग राज्यों में अपनी रणनीति तैयार कर रही है। महाराष्ट्र, जो लोकसभा चुनाव के लिहाज से यूपी के बाद दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। यहां पर बीजेपी ने पिछले साल शिवसेना के शिंदे गुट को अपने पाले में करके एक बार फिर राज्य में अपनी सरकार बनाई। अब लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने एनसीपी के अजित पवार को अपने खेमे में करके बड़ा दांव खेला है। राज्य में पहले शिवसेना और अब एनसीपी को बड़ा झटका लगा है। इन दोनों पार्टी के स्थानीय नेता अब बीजेपी के पक्ष में हैं। इसके अलावा बीजेपी ने बिहार में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अपने साथ लाकर '24' के चुनाव से पहले बड़ा दांव खेला है। इसके अलावा बीजेपी ने यहां पर पहले ही चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी जैसे बड़े नेताओं को अपने पाले में करके पार्टी की स्थिति बेहतर की है। यहीं नहीं कर्नाटक विधानसभा चुनाव हारने के बाद बीजेपी यहां पर भी अपनी खोई जमीन की तलाश में जुटी हुई है। राजनीतिक जानकार अब बीजेपी की इस रणनीति को ऑपरेशन लोटस 2.0 का नाम दे रहे हैं।
कर्नाटक में बीजेपी की तैयारी
गौरतलब है कि, भाजपा के दिग्गज नेता और कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के एक बयान से इस बात के संकेत मिल रहे है कि कर्नाटक में भी बीजेपी अपना कुनबा मजबूत करने में लगी है। सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव से पहले यहां पर जेडीएस बीजेपी का सहयोग कर सकती है। हाल ही में सम्पन्न हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इन दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। जिसके बाद राज्य में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनी। इस दौरान बीजेपी राज्य की दूसरे नंबर की पार्टी बनी। लेकिन, इस चुनाव में सबसे खराब प्रदर्शन जेडीएस का रहा। इसलिए, लोकसभा चुनाव से पहले इन दोनों पार्टियों की मजबूरी है कि गठबंधन कर राज्य में कांग्रेस को टक्कर दे सके। साथ ही, जेडीएस को उम्मीद है कि मोदी ब्रांड के साथ चुनाव लड़कर वह राज्य में अपनी स्थिति को ठीक कर सकती है।
महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बाद जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि मैं विशेषरूप से किसी का नाम नहीं लेना चाहता हूं। यहां पर (कर्नाटक में) कुछ भी हो सकता है। इसमें ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। संभव है कि इस साल के अंत में या लोकसभा चुनाव के बाद यह होगा। उसके लिए हमें इंतजार करना होगा। इसके बाद बीएस येदुयुरप्पा ने जेडीएस नेता की बातों को साफ करते हुए कहा कि एचडी कुमारस्वामी जो भी कह रहे हैं वो एकदम सच है और मैं उनके बयान का समर्थन करना चाहता हूं। भविष्य में कुमारस्वामी और हम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि इससे पहले बीजेपी और जेडीएस ने कर्नाटक में एक साथ मिलकर सरकार चलाई है। इस दौरान दोनों गठबंधन का भी हिस्सा रह चुकी हैं।
यूपी, पंजाब, आंध्र में भी BJP की तैयारी तेज
इधर, यूपी, पंजाब और आंध्र प्रदेश में भी सियासी अटकलों का दौर तेज हैं। बीजेपी यूपी में जयंत चौधरी और आंध्र प्रदेश में टीडीपी को साथ लाने में लगी हुई है। इसके अलावा पंजाब में बीजेपी अकाली दल को अपने खेमे में करने के लिए जुटी हुई है। अकाली दल पहले भी एनडीए गठबंधन का हिस्सा रह चुकी है। ऐसे में बीजेपी चाहती है कि लोकसभा चुनाव से पहले यह दोस्ती एक बार फिर पटरी पर लौट आए। हालांकि, दोनों दल भी इस बात के संकेत दिए हैं।
Created On :   4 July 2023 5:56 PM IST